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गणेश परमार गोयली
सिरोही। गोयली में शिविर का आयोजन: आत्मरक्षा के लिए तकनीक और आत्मविश्वास जरूरी
गोयली कस्बें में सोमवार को राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित अति. जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा विभाग सिरोही द्वारा आयोजित आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा हैं। शिविर प्रभारी उप प्रधानाचार्य दयाराम कुम्हार के अनुसार इस शिविर में 76 संभागी भाग ले रहे हैं। इस गैर आवासीय शिविर में दक्ष प्रशिक्षक सुशीला खत्री, ममता कुमारी, संतोष कुमावत और नवदीप कौर प्रशिक्षक के रूप में संभागियों प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण दें रहें हैं।
संकट काल में खुद की सुरक्षा बिना आत्मविश्वास के नहीं की जा सकती। दरअसल,आत्मरक्षा के सभी उपायों के प्रभावी ढंग से इस्तेमाल के लिए आत्मविश्वास सबसे जरूरी है। छात्राएं अगर छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करने की बजाय आत्मविश्वास से प्रतिकार करना सीख लें तो कई समस्याओं का समाधान आसानी से हो जाएगा। ये बातें विधालय के दक्ष प्रशिक्षक सुशीला खत्री ने प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं से कही। प्रशिक्षक खत्री ने प्रशिक्षार्थियों को कहां कि दुश्मन पर काबू पाने के दांव पेंच बताते हुए कहा कि आपका पेन, मोबाइल, दुपट्टा भी बचाव का कारगर हथियार बन सकता है। वहीं उन्होंने बताया कि महिलाओं को पंच, किक, अटैक और डिफेंस आदि के तरीकों का प्रदर्शन कर दुश्मन पर काबू पाने के गुर सिखाए। इसके अलावा लाठी, डंडा, चाकू आदि हथियारों के वार से बचने का तरीका भी समझाया। वहीं दक्ष प्रशिक्षक नवदीप कौर ने प्रशिक्षार्थियों को आपात स्थिति में चाबी, हेयरपिन, पेन, हेयरक्लिक को हथियार के रूप में प्रयोग करने की जानकारी दी।
बेटियों का सशक्त होना जरूरी : शिविर प्रभारी
प्रशिक्षण शिविर प्रभारी विक्रम सिंह देवड़ा ने बताया कि बेटियों को मजबूत, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्रशिक्षार्थियों के आत्म विश्वास को बढ़ाएगा। महिला सशक्तीकरण की दिशा में यह सराहनीय प्रयास है।
प्रशिक्षण टीम ने उपलब्ध संसाधनों के सहारे आत्मरक्षा के उपायों की बहुत सटीक जानकारी दी। दुश्मन के वार को बेकार करने की ये तरकीबें कर किसी के काम आ सकती हैं। आत्मरक्षा का यह प्रशिक्षण हमें भविष्य में बहुत काम आने वाला है।
-सुशीला खत्री
कराटे और आत्मरक्षा की कभी भी जरूरत पड़ सकती है। इस तरह के प्रशिक्षण होते रहने चाहिए। अब निडर होकर कहीं भी जा सकती हूं। अराजकतत्वों को कैसे सबक सिखाना है, आज मैंने सीख लिया। इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर इसका उपयोग करूंगी।
-ममता कुमारी
प्रशिक्षण में आत्मरक्षा के तरीकों के साथ सीखने को मिला कि एकता में ही बल है। अब किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपट सकने का आत्मविश्वास है। इस तरह के कार्यक्रम होने से सभी छात्राओं को बहुत लाभ होता है। मनोबल बढ़ता है और निर्भीकता आती है।
-संतोष कुमावत
आत्मरक्षा प्रशिक्षण से सीखने को मिला कि किसी भी परिस्थिति में हतोत्साहित नहीं होना है। धैर्य और चपलता से किसी भी दुश्मन को आसानी से धूल चटाई जा सकती है। इसका प्रशिक्षण मिलने से अब किसी का कोई भय नहीं रहेगा। खुद की रक्षा कर सकूंगी।
-नवदीप कौर