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केन्द्र सरकार की ओर से संचालित खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं राज्य में खाद्य विभाग के अफसरों की लापरवाही से गरीबों तक नहीं पहुंच पा रहा है। डिपो से गेहूं का उठाव समय पर न होने से हर साल हजारों €क्विंटल गेहूं लैप्स और गायब हो जाता है। वर्ष 2019 से अब तक 2.73 लाख मीट्रिक टन गरीबों के हक का गेहूं लैप्स हो गया है।
राज्य में 4.40 करोड़ लाभार्थियों के लिए हर महीने 2.30 लाख मीट्रिक टन गेहूं का वितरण होता है। पिछले छह वर्ष में 2.73 लाख मीट्रिक टन गेहूं लैप्स हो गया, जो योजना के लाभार्थियों को एक महीने के लिए पर्याप्त होता। रसद अधिकारियों के अनुसार, जिला नागरिक आपूर्ति प्रबंधकों से गेहूं परिवहन का काम लेकर जिला रसद अधिकारियों को देने से व्यवस्था बेपटरी हुई है।
इस साल 68 हजार मीट्रिक टन गेहूं लैप्स
जनवरी से अब तक 68 हजार मीट्रिक टन गेहूं का उठाव नहीं हो सका और लैप्स हो गया। यदि उठाव और परिवहन व्यवस्था में सुधार नहीं होता, तो दिसंबर में भी ऐसी ही स्थिति रहने की आशंका है। नवंबर में ही 30 हजार मीट्रिक टन गेहूं लैप्स हो गया।
जयपुर: 27 हजार किलो गेहूं गायब
जयपुर जिले में भी स्थिति खराब है। हजारों क्विंटल गेहूं डीलर तक पहुंचने से पहले ही रास्ते में गायब हो गया। इस साल जुलाई से अ€टूबर तक 27 हजार किलो गेहूं राशन की दुकानों तक नहीं पहुंचा। नवंबर में 73 हजार क्विंटल गेहूं लैप्स हो गया।
गेहूं का उठाव नहीं होने से गरीबों का हक लैप्स हो रहा है। उठाव और परिवहन में पारदर्शिता के लिए कुछ बदलाव किए हैं, एक-दो महीने में परिणाम सामने आएंगे।
सुमित गोदारा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री