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लोहावट-फलोदी जिले के लोहावट विधानसभा क्षेत्र में पंचायत समिति पुनर्गठन को लेकर ग्रामीणों का विरोध तेज हो गया है। लोहावट की 11 ग्राम पंचायतों ने पीलवा और बापिणी में शामिल किए जाने के फैसले का विरोध करते हुए “तालाबंदी” का ऐलान किया है। इसका अर्थ है कि इन ग्राम पंचायतों के सरकारी भवनों पर ताले लगाकर सरकारी कामकाज पूरी तरह ठप रहेगा।
ग्रामीणों ने बुधवार को हरिओमनगर ग्राम पंचायत मुख्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भी ज्ञापन देकर पुनर्गठन पर पुनर्विचार की मांग की। लोहावट में स्थित जम्भेश्वर नगर को केवल 500 मीटर की दूरी पर होने के बावजूद पीलवा में जोड़ दिया गया है। वहीं पल्ली, नयी महादेव नगर, हरिओम नगर, केरलानाडा, इंदो की ढाणी द्वितीय को पीलवा में औरभीकमकोर, नयी इंदों की ढाणी, भीयाड़िया को बापिणी में जोड़ने का निर्णय लिया गया।
यह निर्णय जनभावनाओं के खिलाफ है और पुरानी सामाजिक व प्रशासनिक इकाइयों को तोड़ता है। लोहावट का स्थान जोधपुर-फलोदी स्टेट हाईवे पर होने के कारण आवागमन में सुविधाजनक है, जबकि नई व्यवस्था 25 से 50 किलोमीटर दूर स्थित है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष सोमराज खावा, सुरताराम माचरा और गणेश कांवा की अगुवाई में हुई बैठक में सभी ग्राम पंचायतों ने तालाबंदी और आंदोलन जारी रखने का फैसला किया। सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि पीलवा और बापिणी में इन 11 पंचायतों को शामिल करने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन और अधिक उग्र किया जाएगा। ढेलाणा गांव में मुख्यमंत्री शर्मा के प्रस्तावित दौरे के दौरान ग्रामवासियों द्वारा ज्ञापन सौंपकर पुनर्गठन सुधार की मांग की जाएगी।
