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फालना से जालोर रेलवे लाइन को लेकर प्रवासियों में आई जागरूकता, रेल लाइन स्वीकृत की उठाई मांग
राजस्थानी प्रवासी 36 कोम परिवर्तन सेवा संस्था कार्यक्षेत्र वसई महाराष्ट्र के प्रवासियों ने रेल मंत्री मुख्यमंत्री से लेकर जालौर पाली विधायकों को भेजा पत्र
तखतगढ 21 जून ;(खीमाराम मेवाडा) केंद्रीय रेल मंत्री केकरा जिले में पिछले 23 वर्षों से फालना से वाया तखतगढ़ होकर जालोर के बीच स्वीकृति के अभाव में अटका रेल मार्ग के मामले को लेकर पिछले 4 दिन से लगातार प्रमुखता से प्रकाशित हो रही खबरों के बाद अब पाली जालौर जिले से गुजरात महाराष्ट्र कर्नाटक सहित अन्य प्रातो में निवासरत प्रवासियों में जागरूकता आने लगी है। स्वीकृति के अभाव में लंबे समय से अटका पड़ा फालना से वाया तखतगढ़ जालौर रेल मार्ग कनेक्टीवी को शनिवार को राजस्थानी प्रवासी 36 कोम परिवर्तन सेवा संस्था कार्यक्षेत्र वसई तालुका के अध्यक्ष जयेश माली, सचिव अमित घांची, कोषाध्यक्ष अनराज मेवाड़ा, सलाहकार लाल माली सहित मदन माली, राजू भाई माली पदाधिकारी ने अश्वनी कुमार वैष्णव केंद्रीय रेलमंत्री,भारत सरकार दिल्ली, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजस्थान सरकार एवं पी.पी.चौधरी सांसद पाली अध्यक्ष वन नेशन वन इलेक्शन एवं सांसद पालीं सहित लुंबारामजी चौधरी, सांसद, जालौर- सिरोही संसदीय क्षेत्र,ओमप्रकाश माथुर, महामहिम राज्यपाल, सिक्किम,
भजनलाल शर्मा, मुख्यमंत्री राज. सरकार जयपुर, जोराराम कुमावत, केबीना मंत्री एवं स्थानीय विधायक सुमेरपुर, छगनसिंहजी राजपुरोहित, विधायक आहोर,जोगेश्वर गर्ग, मंत्री एवं विधायक जालोर, पुष्पेंद्रसिंहजी राणावत, पूर्व मंत्री एवं विधायक बाली को पत्र भेज कर फालना-जालोर रेल मार्ग बिछाने की वित्तीय स्वीकृति जारी करवाने की पूर्व जोर मांग उठाई है। पत्र में बताया कि जालोर-सिरोही के तात्कालिन सांसद व रेल मंत्री बंगारू लक्ष्मण ने वर्ष 2001 से फालना से जालोर रेलवे लाइन के लिए सर्वे करवाया था। लेकिन, बजट की स्वीकृति नही मिल पाई। ऐसे में क्षेत्रवासियों का सपना एक सपना ही रह गया। वही, फालना से कनेक्टिविटी हो जाने के बाद जिलेवासियों को दक्षिण सहित अन्य स्थानों के पर्याप्त ट्रेनें मिलने की उम्मीदें है। लेकिन राजनैतिक पहल के अभाव में यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। इस सर्वे पर करीब 17 करोड़ स्वीकृत हुए थे। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2012 को इस रेल लाइन पर फिर से सर्वे हुआ और रेलवे कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट ने इस रेल लाइन के लिए 459.26 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार कर हैड क्वार्टर को भिजवाया था। और वहां से विभिन्न स्तर की जांचे हुई। लेकिन फिर भी उसकी वित्तीय स्वीकृति नहीं हो पाई। पता नहीं अभी बताया कि वर्ष 2012 में जालोर से फालना रेल लाइन प्रोजेक्ट रिपोर्ट रेलवे हैडक्वार्टर को भेजी गई। लेकिन उसके बाद फरवरी 2014 में रेलवे की इंजीनियरिंग टीम ने इस प्रोजेक्ट का रिवाइज सर्वे किया। जिसमें लैंड कोस्ट में अंतर आने से यह प्रोजेक्ट 451 करोड़ से घटकर 390 करोड़ रुपए आंका गया है। रिवाइज प्रोजेक्ट भी रेलवे हैडक्वार्टर को भेजा गया। जो अब फाइनेंशियल वेटिंग में हैं। और आपके रेल मंत्री बनने के बाद ही 3 अक्टूबर 2021 को पहली बार सुमेरपुर आगमन पर इसी फालना से जालोर रेल्वे लाइन की वित्तीय स्वीकृति के संबंध में सुमेरपुर क्षेत्रवासियों द्वारा हमारे स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया था। जबकि फालना होते हुए दक्षिणी राज्यों के लिए बड़ी संख्या में यात्री गाडिय़ों का संचालन हो रहा है। ऐसे में यदि इस प्रोजेक्ट की अनुमति के बाद जालोर से फालना का जुड़ाव हो जाता है तो फालना एवं जालोर रेलवे स्टेशन जंक्शन बन जाएंगे। और यात्री गाडिय़ों की संख्या में इजाफा होने के साथ-साथ यात्री सुविधाओं का विस्तार भी होगा। अब जब रेलवे लाइन सर्वे का काम पूरा हो चुका है। तो हम पाली व जालोर जिलेवासियों को सिर्फ उम्मीद ही नही बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आप इस रेलवे लाइन की वित्तीय स्वीकृति दिलाने की कृपा करेगें। आप इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना की वित्तीय स्वीकृति दिलाकर हम दोनों जिलेवासियों को अनुग्रहित करावें।