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खीमाराम मेवाडा
23 सालों से अटका फालना से वाया तखतगढ़ जालौर को लेकर महाराष्ट्र वसई के ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन आया आगे
रेल मंत्री मुख्यमंत्री कैबिनेट मंत्री सहित विधायकों को भेज कर फालना-जालोर रेल मार्ग कि जल्द वित्तीय स्वीकृत की उठाई मांग
तखतगढ 23 जून ;(खीमाराम मेवाडा) फालना से वाया तखतगढ़ होकर जालोर के बीच स्वीकृति के अभाव में 23 वर्षों से अटका रेल मार्ग के मामले को लेकर 6 दिन से लगातार प्रमुखता से प्रकाशित हो रही खबरों के बाद पाली जालौर जिले से गुजरात महाराष्ट्र कर्नाटक सहित अन्य प्रातो में निवासरत प्रवासियों ने भी आवश्यकता के अनुसार इस मुहिम को प्राथमिकता देते हुए मुहिम को तेज कर हर रोज कोई ना कोई संस्थान या संगठन मामले को तह तक पहुंचने में भागीदारी निभा रहे हैं।सोमवार को भी महाराष्ट्र के वसई रोड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एसोसिएशन अध्यक्ष वीरेंद्र गहरी लाल जैन एव सह मंत्री अनराग मेवाड़ा ने अश्वनी कुमार वैष्णव केंद्रीय रेलमंत्री,भारत सरकार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजस्थान एवं पी.पी.चौधरी सांसद पाली अध्यक्ष वन नेशन वन इलेक्शन एवं सहित लुंबारामजी चौधरी,सांसद, जालौर-सिरोही संसदीय क्षेत्र,ओमप्रकाश माथुर,राज्यपाल, सिक्किम, जोराराम कुमावत, केबीना मंत्री एवं विधायक सुमेरपुर, छगनसिंह राजपुरोहित,विधायक आहोर,जोगेश्वर गर्ग, मंत्री एवं विधायक जालोर, पुष्पेंद्रसिंह राणावत, पूर्व मंत्री एवं विधायक बाली को पत्र भेज कर फालना-जालोर रेल मार्ग की वित्तीय स्वीकृति जारी करवाने की पूर्व जोर मांग उठाई है।
महाराष्ट्र वसई रोड ज्वेलर्स एसोसिएशन अध्यक्ष वीरेंद्र गहरी लाल जैन एवं सह सचिव अनराज मेवाड़ा द्वारा भेजे गए पत्र में बताया कि जालोर-सिरोही के तात्कालिन सांसद व रेल मंत्री बंगारू लक्ष्मण ने वर्ष 2001 से फालना से जालोर रेलवे लाइन के लिए सर्वे करवाया था। लेकिन, बजट की स्वीकृति नही मिल पाई। ऐसे में क्षेत्रवासियों का सपना एक सपना ही रह गया। फालना से कनेक्टिविटी हो जाने के बाद जिलेवासियों को दक्षिण सहित अन्य स्थानों के पर्याप्त ट्रेनें मिलने की उम्मीदें है। लेकिन राजनैतिक पहल के अभाव में यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई। इस सर्वे पर करीब 17 करोड़ स्वीकृत हुए थे। उन्होंने बताया कि दिसंबर 2012 को इस रेल लाइन पर फिर से सर्वे हुआ और रेलवे कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट ने इस रेल लाइन के लिए 459.26 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार कर हैड क्वार्टर को भिजवाया । और वहां से विभिन्न स्तर की जांचे हुई। लेकिन फिर भी उसकी वित्तीय स्वीकृति नहीं हो पाई।
पता बताया कि वर्ष 2012 में जालोर से फालना रेल लाइन प्रोजेक्ट रिपोर्ट रेलवे हैडक्वार्टर को भेजी गई। लेकिन उसके बाद फरवरी 2014 में रेलवे की इंजीनियरिंग टीम ने इस प्रोजेक्ट का रिवाइज सर्वे किया। जिसमें लैंड कोस्ट में अंतर आने से यह प्रोजेक्ट 459 करोड़ से घटकर 390 करोड़ रुपए आंका गया है। रिवाइज प्रोजेक्ट भी रेलवे हैडक्वार्टर को भेजा गया। जो अब फाइनेंशियल वेटिंग में हैं। और आपके रेल मंत्री बनने के बाद ही 3 अक्टूबर 2021 को पहली बार सुमेरपुर आगमन पर इसी फालना से जालोर रेल्वे लाइन की वित्तीय स्वीकृति के संबंध में सुमेरपुर क्षेत्रवासियों द्वारा हमारे स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री जोराराम कुमावत के द्वारा ज्ञापन सौंपा गया था।
जबकि फालना होते हुए दक्षिणी राज्यों के लिए बड़ी संख्या में यात्री गाडिय़ों का संचालन हो रहा है। ऐसे में यदि इस प्रोजेक्ट की अनुमति के बाद जालोर से फालना का जुड़ाव हो जाता है तो फालना एवं जालोर रेलवे स्टेशन जंक्शन बन जाएंगे। और यात्री गाडिय़ों की संख्या में इजाफा होने के साथ-साथ यात्री सुविधाओं का विस्तार भी होगा। अब जब रेलवे लाइन सर्वे का काम पूरा हो चुका है। तो हम पाली व जालोर जिलेवासियों को सिर्फ उम्मीद ही नही बल्कि पूर्ण विश्वास है कि आप इस रेलवे लाइन की वित्तीय स्वीकृति दिलाने की कृपा करेगें। आप इस महत्वाकांक्षी रेल परियोजना की वित्तीय स्वीकृति दिलाकर हम दोनों जिलेवासियों को अनुग्रहित करावें।
— क्या कहते हैं प्रवासी, फालना से जालौर रेल लाइन का मामला जो लंबे समय से अटका पड़ा है। जिससे क्षेत्रवासी परेशान है। उसके लिए हमने पूर्व में भी पत्र भेजे थे और आज भी भेज रहे हैं हमारी केंद्रीय रेल मंत्री एवं राजस्थान सरकार से गुलजारी शहर की इस रेल लाइन को जल्द से जल्द स्वीकृत करवरकर कार्य शुरू करवाया जाए जिससे पाली जालौर दोनों जिलेवासियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
— वीरेंद्र गहरीलाल जैन- अध्यक्ष , महाराष्ट्र वसई ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन
