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डूंगरपुर।स्वच्छ परियोजना में प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए भाजपा नेताओं की पत्नी, भाई और रिश्तेदारों को चीफ कोऑर्डिनेटर, कोऑर्डिनेटर और असिस्टेंट कोऑर्डिनेटर बनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विवाद होने पर प्लेसमेंट एजेंसी ने भाजपा नेताओं के परिवार और रिश्तेदारों को लगाने के आदेश को रोक दिया है। प्लेसमेंट एजेंसी का एक लेटर वायरल हो रहा है। जिसमें कंपनी ने कार्मिकों को हटाने और लगाने के आदेशों को लंबित करने की बात लिखी है, लेकिन इन आदेशों में स्पष्ट भाषा का प्रयोग नहीं कर गुमराह किया गया है।
डूंगरपुर जिले में जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग (टीएडी) की ओर से संचालित स्वच्छ परियोजना में प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए चीफ कोऑर्डिनेटर, कोऑर्डिनेटर ओर असिस्टेंट कोऑर्डिनेटर लगाने में भारी फर्जीवाड़ा किया गया। इन पोस्ट पर 10 साल से ज्यादा समय से लगे कार्मिकों को पहले हटाया गया। इसके बाद बिमलराज आउटसोर्सिंग प्राइवेट लिमिटेड के जरिए भाजपा जिलाध्यक्ष हरीश पाटीदार की पत्नी गायत्री पाटीदार, नगर परिषद में उपसभापति सुदर्शन जैन की पत्नी जया जैन, पूर्व राज्यमंत्री सुशील कटारा का छोटा भाई हेमेंद्र कटारा ओर डूंगरपुर विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रहे बंशीलाल कटारा के करीबी सुखलाल पटेल समेत 14 परिचित और रिश्तेदारों को नौकरी पर लगा दिया।
मामला उजागर होने के बाद भाजपा की खूब किरकिरी हुई। भाजपा में ही कार्यकर्ता बड़े नेताओं की इस हरकत पर नाराज दिखे। वहीं, कांग्रेस और बीएपी नेताओं ने बेरोजगारों के साथ धोखा बताया। मामला गरमा ने पर प्लेसमेंट एजेंसी बिमलराज आउटसोर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से कार्मिकों को हटाने और लगाने के ऑर्डर को लंबित करने का लेटर लिखा है। ऐसे में कंपनी की ओर से मामले में लीपापोती की जा रही है। मामला लंबित करने के आदेश को मामला ठंडा करने के प्रयास से जोड़कर देखा जा रहा है।