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डूंगरपुर-डूंगरपुर के आंतरी वन क्षेत्र के बोरखेड़ गांव में एक लेपर्ड पिंजरे में कैद हो गया। लेपर्ड 2 दिन पहले बकरी के शिकार के बाद उसे खाने के लिए आया था और पिंजरे में फंस गया। लेपर्ड के रेस्क्यू के बाद गांव के लोग इकट्ठे हो गए। वन विभाग की टीम लेपर्ड को लेकर वापस सुरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ा जा रहा है।
आंतरी वन क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से दिखाई देने के बाद लोग डर के जी रहे थे। पारड़ा मेहता पंचायत के बोरखेड़ गांव में दो दिन पहले राजमल परमार के घर के बाहर बंधी बकरी को लेपर्ड उठा ले गया था। ग्रामीणों ने बकरी को लेपर्ड के शिकंजे से छुड़ाने के लिए पीछा भी किया, लेकिन लोग उसे नहीं ढूंढ पाए। सूचना पर वन विभाग की टीम आंतरी फॉरेस्ट रेंज से पहुंची थी और तलाशी अभियान के दौरान राजमल के घर से कुछ दूर बकरी का शव पड़ा मिला था।
गांव में लेपर्ड के घूमने से लोग डरे हुए थे। ऐसे में कोई भी जंगल की ओर नहीं जा रहा था। वहीं, ग्रामीण अपने पशु भी रात को घरों में बांध रहे थे। ग्रामीणों के डर को देखते हुए वन विभाग ने गांव में ही एक पिंजरा लगाया और उसमें मृत बकरी का शव रख दिया था। देर रात लेपर्ड बकरी के शव को खाने की कोशिश में पिंजरे में कैद हो गया। इसके बाद उसके दहाड़ने की आवाज आने लगी, लेकिन डर के कारण रात को कोई भी घर से बाहर नहीं निकला।
ग्रामीणों ने मंगलवार सुबह वनविभाग को लेपर्ड के पिंजरें में कैद होने की सूचना दी। सूचना पर वन विभाग की टीम भी पहुंची और पिंजरे को लेकर रवाना हो गई। लेपर्ड को सुदूर वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया है।