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डूंगरपुर-कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश की जनता के साथ धोखा हुआ है। लोगों के बीच झूठ फैलाया और बीजेपी सरकार में आ गई, लेकिन मुख्यमंत्री दिल्ली से आई पर्ची से बना। इसलिए हम कहते हैं पर्ची की सरकार। पर्ची की ये सरकार भी अब सर्कस बन गई है, जहां कोई किसी की नहीं सुनता है। प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी हावी है। डोटासरा मंगलवार को चौरासी विधानसभा क्षेत्र में सभा को संबोधित कर रहे थे।
डोटासरा ने डूंगरपुर के चौरासी विधानसभा में बीएपी के साथ समझौते को लेकर अपनी मजबूरी बताई। उन्होंने कहा कि डूंगरपुर, बांसवाड़ा में हमारे पास कांग्रेस का एकमात्र मजबूत नेता महेंद्र जीत सिंह मालवीया था। जिसे कांग्रेस ने प्रधान से लेकर विधायक, मंत्री से लेकर सांसद और एआईसीसी का मेंबर तक बनाया। लोकसभा चुनावों में दोनों जिलों के कांग्रेस नेताओं ने मालवीया को उम्मीदवार बनाने की पैरवी की, लेकिन चुनाव आते ही मालवीया कांग्रेस को धोखा देकर भाजपा में चले गए। भाजपा ने उन्हें अपना कैंडिडेट बना दिया।
डोटासरा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने देशभर में सभी पार्टियां एकजुट हो गई। उस समय सबसे पहली प्राथमिकता थी कांग्रेस का उम्मीदवार जितना चाहिए। इसके बाद कांग्रेस का नहीं तो एनडीए का उम्मीदवार जीते, लेकिन बीजेपी का उम्मीदवार को हराना था। बांसवाड़ा सीट पर कांग्रेस के सभी नेताओं से बात की, लेकिन कोई मालवीया के सामने लड़ने को राजी नहीं हुआ। मजबूरी में कांग्रेस को धोखा देने वाले और भाजपा को हराने वाले को हराने बीएपी से समझौता करना पड़ा, जिसमें हम कामयाब हुए और भाजपा हार गई।
डोटासरा ने कहा की भले ही सभी गठबंधन के खिलाफ थे, लेकिन मैं कहता हूं की उस समय गठबंधन सही फैसला था। डोटासरा ने कहा कि चौरासी में कोई मजबूत कार्यकर्ता खड़ा होकर चुनाव लड़े और सभी एकजुट होकर उसे जिताने में लग जाओ। उस दिन कह देना उसका टिकिट फाइनल हो जाएगा। सीमलवाड़ा में एक होटल के आगे पांडाल में हुई सभा में कांग्रेस के पूर्व मंत्री अर्जुनलाल बामनिया, एआईसीसी मेंबर दिनेश खोड़निया, डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा समेत कई कांग्रेस नेता मौजूद रहे।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश की जनता के साथ धोखा हुआ है। लोगों के बीच झूठ फैलाया और बीजेपी सरकार में आ गई, लेकिन मुख्यमंत्री दिल्ली से आई पर्ची से बना। इसलिए हम कहते हैं पर्ची की सरकार। पर्ची की ये सरकार भी अब सर्कस बन गया है। जहां कोई किसी की नही सुनता है। प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी हावी है। सरकार के मंत्री, विधायक की अधिकारी नही सुनते हैं। सरकार बनने के बाद से कांग्रेस के लगाए एक अधिकारी का ट्रांसफर तक नहीं कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने सीएमओ का विजिट कर एक-एक आईएएस के कमरे का विजिट किया, लेकिन जो आईएएस नहीं मिले उनके खिलाफ कोई कार्रवाई तक नहीं कर सकते हैं।