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भारत-पाक सीमा से सटे दौलतपुरा गांव के पास एक युवक की गोली मारकर हत्या के मामले में भाई ही कातिल निकला। पुलिस ने हत्या के तीसरे दिन इस प्रकरण का खुलासा किया है। एसपी गौरव यादव ने बताया कि दौलतपुरा निवासी 23 वर्षीय प्रदीप तरड़ पुत्र रणजीत कुमार की 4 व 5 अगस्त की रात करीब एक-डेढ़ बजे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस संबंध में मटीलीराठान पुलिस ने प्रदीप के बड़े भाई दौलतपुरा निवासी मुकेश उर्फ मंगेज की रिपोर्ट पर अज्ञात के खिलाफ हत्या करने का मामला दर्ज किया। एसपी ने बताया कि परिवार में प्रदीप और मुकेश उर्फ मंगेज दो ही भाई हैं। बड़ा भाई मुकेश उर्फ मंगेज पूरा घर चलाता है जबकि प्रदीप लोगों से उधार लेकर नहीं चुकाता तो बड़े भाई को यह हिसाब करना पड़ता था।
रोज रोज के ओलमे से मुकेश उर्फ मंगेज तंग आ गया। उसने मोहनपुरा गांव निवासी आकाशदीप पुत्र दर्शनसिंह से संपर्क किया। उसे हत्या करने के लिए राजी कर लिया। पहले प्रदीप को घर से बुलाया फिर खेत के पास गोली मारकर हत्या कर दी। जांच अधिकारी मटीलीराठान थाना प्रभारी सुभाष बिश्नोइ ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
कुछ समय पहले हुई थी दोनों भाइयों की सगाई
प्रदीप और उसके भाई मुकेश उर्फ मंगेज दोनों की सगाई कुछ समय पहले एक ही परिवार में हुई थी। मुकेश यह नहीं चाहता था कि प्रदीप की हरकतों को लेकर उसके परिवार की बदनामी हो, उसने कई बार समझाइश भी की लेकिन प्रदीप पर असर नहीं हुआ। एसपी ने बताया कि रुपयों के लेनदेन के अलावा कुछ हरकतों पर प्रदीप की बातों को सार्वजनिक नहीं करना चाहता था लेकिन वह नहीं माना। संभवयतया इसी से तंग आकर उसने ठिकाना लगाने की ठान ली।
जब इस आरोपी से कड़ी पूछताछ की तो उगल दिया राज
पुलिस ने मुखबिरों की सूचना पर मोहनपुरा गांव के आकाशदीप की भूमिका पर शक जताया। ग्रामीणों के माध्यम से हत्या में बीएसएफ की भूमिका की अफवाह भी उड़ाई गई। ऐसे में ग्रामीणों ने इस बात पर एक बारगी शक जताया, लेकिन घटना स्थल के बाद शव को राजकीय जिला चिकित्सालय में पहुंचाया गया। वहां पोस्टमार्टम के बाद रिपोर्ट में देसी पिस्तौल के छर्रे मिलने की बात सामने आई तो पुलिस को यह संकेत मिला कि यह तो लोकल स्तर का काम है। आकाशदीप की मृतक के घर आवाजाही पर पुलिस का शक और पुख्ता हो गया। पुलिस ने इस आकाशदीप से कड़ी पूछताछ की तो उसने सारे राज खोल दिए।