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बाली देसुरी पंचायत समिति की विकास अधिकारी समीक्षा वर्मा को व जयपुर की बस्सी पंचायत समिति की तत्कालीन विकास अधिकारी समीक्षा वर्मा को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ विभागीय जांच प्रस्तावित की गई है।
यह कार्रवाई राजस्थान सिविल सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 13 के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए की गई है। निलंबन के तत्काल प्रभाव से समीक्षा वर्मा का मुख्यालय पंचायती राज विभाग, जयपुर निर्धारित किया गया है।
निलंबन का यह मामला बस्सी पंचायत समिति में दो महंगी ऑटोमैटिक कुर्सियों की खरीद में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। आरोप है कि इन कुर्सियों की खरीद बिना उचित टेंडर प्रक्रिया पूरी किए की गई थी।
10 हजार की कुर्सी 27 हजार रुपए में खरीदने का आरोप शिकायत के अनुसार, बाजार में जिस कुर्सी की कीमत लगभग 10 हजार रुपए थी, उसे अधिकारियों द्वारा 27 हजार रुपए प्रति कुर्सी के हिसाब से खरीदा गया।
डिजिटल रिवॉल्विंग ऑटोमैटिक कुर्सियां दफ्तर पहुंच गई थीं और अधिकारियों ने छह दिन तक इनका इस्तेमाल भी किया। हालांकि, इस खरीद में कथित घोटाले की शिकायत पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर तक पहुंची।
मंत्री के हस्तक्षेप और जांच कमेटी गठित होने की जानकारी मिलने के बाद कुर्सियों को बीडीओ कार्यालय से लौटा दिया गया। शिकायतकर्ता ने इसे सरकारी धन का दुरुपयोग बताया था।
जांच में माना दोषी
जांच में सामने आया कि दो कुर्सियां खरीदी गई थीं, हालांकि गुणवत्ता के आधार पर उन्हें लौटा दिया गया था और उनका भुगतान नहीं हुआ था। खरीद-फरोख्त की पुष्टि हुई, लेकिन संबंधित दस्तावेज और फाइलें जांच समिति को उपलब्ध नहीं कराई गईं। जांच में बीडीओ समीक्षा वर्मा को दोषी माना गया था।

