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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर ध्वजारोहण ना होने पर सुनीता केजरीवाल बेहद दुखी हैं। केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि दिल्ली में सीएम आवास पर पहली बार ध्वजारोहण नहीं हुआ। यह बहुत अफ़सोस की बात है। यह तानाशाही एक चुने हुए मुख्यमंत्री को जेल में रख सकती है, लेकिन दिल में देशप्रेम को कैसे रोक पाएगी। उन्होंने दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी के सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट को शेयर करते हुए यह बात लिखी।
मंत्री आतिशी ने भी कही ये बातें
दरअसल दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने स्वतंत्रता दिवस की सुबह सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा था, “आज स्वतंत्रता दिवस है। जब 1947 में भारत को अंग्रेजों की तानाशाही से आजादी मिली, सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों ने लाठियां खाई, जेल गये और अपनी जान की कुर्बानी दी, हमें यह आज़ादी दिलवाने के लिए। उनके सपनों में भी ऐसा विचार नहीं आया होगा कि एक दिन, आजाद भारत में, एक चुने हुए मुख्यमंत्री को झूठे मुकदमे में फंसा कर महीनों तक जेल में रखा जाएगा। आइये इस स्वतंत्रता दिवस पर हम ये प्रण लेते हैं कि आखिरी सांस तक तानाशाही के खिलाफ लड़ते रहेंगे। आतिशी के इसी पोस्ट को शेयर करने के साथ-साथ सुनीता केजरीवाल ने अपने दर्द को भी सोशल मीडिया पर बयां किया।
जेल में बंद हैं सीएम अरविंद केजरीवाल
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुख्य संचालक अरविंद केजरीवाल के जेल में होने से आम आदमी पार्टी के नेता आज स्वतंत्रता दिवस के दिन काफी दुखी दिखाई दे रहे हैं। बीते कई सालों से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में झंडा फहराते आए हैं लेकिन इस बार जेल में बंद होने के कारण उनकी जगह दिल्ली सरकार के गृह मंत्री कैलाश गहलोत झंडा फहराएंगे। उन्होंने जेल के अंदर से ही दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी को झंडा फहराने के लिए नामित किया था लेकिन उनका नाम जीएडी ने खारिज कर दिया था
कैलाश गहलोत ने केजरीवाल को स्वतंत्रता सेनानी बताया
बता दें कि दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर छत्रसाल स्टेडियम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौजूद नहीं थे और गहलोत ने केजरीवाल को ‘आधुनिक वक्त का स्वतंत्रता सेनानी’ करार दिया। गहलोत ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्री झंडा नहीं फहरा सके क्योंकि वह जेल में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस झंडे के नीचे खड़े होकर मैं गर्व से कह सकता हूं कि अरविंद केजरीवाल आधुनिक समय के स्वतंत्रता सेनानी हैं क्योंकि उन्होंने जेल जाकर दिल्ली के लोगों के लिए काम करने की सजा स्वीकार की लेकिन वह लोकतंत्र विरोधी ताकतों के सामने न तो झुके और न ही टूटे।