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बाली: चामुंडेरी में रोडवेज बस का ‘तोहफा’ बना ग्रामीणों के लिए मजाक, एक दिन की खुशी के बाद ग्रामीणों में फूटा आक्रोश
बाली उपखंड के चामुंडेरी ग्राम में रोडवेज बस की समस्या को लेकर ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। वर्षों से बस की राह देख रहे ग्रामीणों के साथ रोडवेज प्रशासन द्वारा “तोहफा” देने के नाम पर भद्दा मजाक करने का मामला सामने आया है।
चामुंडेरी गांव के निवासी लंबे समय से यातायात की समस्या से जूझ रहे हैं। स्कूली छात्र-छात्राओं, बुजुर्गों और नौकरीपेशा लोगों को बाली या फालना अहमदाबाद पिंडवाड़ा जाने के लिए निजी वाहनों पर निर्भर रहना पड़ता है, जो उनकी जेब पर भारी पड़ता है। ग्रामीणों की लंबी मांग के बाद, कल स्थानीय जनप्रतिनियो समाज सेवको सभी के अलग अलग प्रयासों अचानक रोडवेज बस गांव में पहुंची।
बस को गांव में देख ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे। लोगों को लगा कि प्रशासन ने उनकी सुध ले ली है और उन्हें नियमित बस सेवा का “तोहफा” मिल गया है। ओर अतिउत्साहित ग्रामीणों ने बस स्टाफ का माला पहनाकर स्वागत कर खुशी जाहिर की, लेकिन यह खुशी ग्रामीणों के लिए महज कुछ पलों की ही साबित हुई।
तोहफा या छलावा?
ग्रामीणों का आरोप है कि बस केवल एक दिन गांव में आई और उसके बाद फिर वही पुराना ढर्रा शुरू हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि रोडवेज प्रशासन ने बस भेजकर उन्हें केवल मूर्ख बनाने का काम किया है। एक दिन बस भेजकर औपचारिकता पूरी कर दी गई, लेकिन नियमित सेवा शुरू नहीं की गई। जब कि बस सेवा चालू हुई थी तब से रोडवेज बस का स्टॉप चामुंडेरी शीतला चोक ही है पूर्व में बस ग्राम में आती थी धीरे धीरे बन्द हो गई।
कल बस ग्राम में आने के बाद आज ग्रामीण जाने के लिए बस स्टैंड पहुचे ओर बस नही आने से निराश यात्री निजी वाहनों से जाने को मजबूर हुए
ग्रामीणों में भारी रोष
इस घटना के बाद से गांव के लोगों में प्रशासन के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है, “हमें लगा हमारी समस्या का समाधान हो गया, लेकिन रोडवेज विभाग ने हमें लॉलीपॉप थमाया है। यह हमारे जज्बातों के साथ खिलवाड़ है।”
चेतावनी: आंदोलन की राह पर ग्रामीण
गुस्साए ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द चामुंडेरी गांव में नियमित रोडवेज बस सेवा शुरू नहीं की गई, तो वे उपखंड मुख्यालय पर उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस “छलावे” को सुधारता है या ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरते हैं।
हमने फालना रोडवेज प्रबंधक रुची पवार से बात कर कारण जानने के लिए फोन भी किया पर सम्पर्क नही हो पाया।

