
PALI SIROHI ONLINE
ब्यावर-ब्यावर में JCB से उल्टा लटकाकर डंपर ड्राइवर को पीटने वाले हिस्ट्रीशीटर और उसके साथी की पुलिस ने रविवार को परेड निकाली। दो किलोमीटर तक दोनों बदमाशों को पैदल घुमाया गया। घटना रायपुर थाना क्षेत्र की है।
इधर, पीड़ित डंपर ड्राइवर मोहम्मद याकूब से भास्कर रिपोर्टर ने बातचीत की। ड्राइवर ने बताया कि डीजल और सीमेंट चोरी के आरोप झूठे हैं। मुझे अधमरी हालत में चौराहे पर फेंका गया था। मैंने डर के कारण किसी को कुछ नहीं बताया था। जो अपने पिता पर बंदूक तान दे, उसके लिए मैं क्या मायने रखता हूं।
दरअसल, 7 अप्रैल को डंपर ड्राइवर मोहम्मद याकूब से हिस्ट्रीशीटर तेजपाल सिंह और उसके साथियों ने मारपीट की थी। याकूब को जेसीबी से उल्टा लटकाकर रस्सी से बांधकर पीटा था। घावों पर नमक और पानी डाला गया था। इसका वीडियो 24 मई को सामने आया था। इसके बाद पीड़ित थाने पहुंचा और मामला दर्ज कराया।
डंपर ड्राइवर की जुबानी, हुआ क्या था…
पीड़ित सराधना (रायपुर) के रहने वाले मोहम्मद याकूब ने कहा- मैं गुड़िया गांव के रहने वाले तेजपाल सिंह का डंपर चलाता था। 7 अप्रैल को तेजपाल ने फैक्ट्री के लिए सामान लाने डंपर से जयपुर भेजा था। जयपुर से फैक्ट्री का सामान भरकर गुड़िया की ओर लौट रहा था।
रात करीब 1 बजे तबीजी-सराधना के बीच हाईवे पर फॉर्च्यूनर (RJ 22 UA 9494) मेरी गाड़ी के आगे आकर रुकवाने की कोशिश करने लगी। जैसे-तैसे उसे बचाकर निकला, लेकिन थोड़ी ही देर बाद उस फॉर्च्यूनर ने मुझे ओवरटेक कर सामने गाड़ी लगा दी और मुझे रुकना पड़ा।
जैसे ही मैं रुका, फॉर्च्यूनर में से तीन लोग (तेजपाल सिंह, साबूराम और देवाराम निवासी शिवनाथुपरा तेजी से बाहर निकले। तीनों ने मुझे गालियां दी और पकड़कर नीचे उतार लिया। फिर मेरे साथ मारपीट की और मेरा मोबाइल छीन लिया।
मुझे जबरन फॉर्च्यूनर में डाल लिया और मेरा डंपर देवाराम गुर्जर चलाकर ले गया। मुझे तेजपाल सिंह की निर्माणाधीन फैक्ट्री (गुड़िया, रायपुर) में ले गए।
फैक्ट्री में पहले से 5-6 और लोग मौजूद थे। वहां मुझे रस्सी से बांध दिया गया और फिर जेसीबी से उल्टा लटकाया गया। इसके बाद तेजपाल सिंह और उसके साथियों ने बेरहमी से पीटा। उन्होंने घावों पर नमक का पानी भी डाला।
मैं दर्द से कराह रहा था। सुबह होते होते मैंने तेजपाल सिंह से माफी मांगी और कहा कि मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा, न ही पुलिस में कोई रिपोर्ट करूंगा। तेजपाल ने धमकाया कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देगा। फिर अधमरी हालत में सराधना चौराहे पर फेंक दिया।
मेरा साथी राहुल मुझे वहां से उठाकर घर ले गया। डर के मारे डॉक्टर को घर पर ही बुलाकर इलाज करवाया। बाद में मैं ब्यावर अस्पताल गया, जहां 3 दिन तक भर्ती रहा। डॉक्टरों ने बार-बार पूछा, लेकिन मैंने डर के कारण कुछ नहीं बताया।
मैं डर की वजह से चुप रहा। हालत थोड़ी सुधरी तो भी मैं डर के मारे किसी से कुछ नहीं कह सका। 24 मई को जब वीडियो वायरल हुआ, तब मेरे परिवार को घटना की जानकारी मिली। परिजनों ने हिम्मत दी तो मैंने रायपुर थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराया।
याकूब के अनुसार, आज भी उस मारपीट की वजह से मेरे एक पैर में तकलीफ बनी हुई है। गाड़ी चलाने में परेशानी होती है, लेकिन मजबूरी है। तीन लाख रुपए का कर्ज है, किश्त देनी है। अगर काम पर नहीं जाऊंगा, तो कमाई कैसे होगी और कर्ज कैसे उतरेगा?’
पिता के लिए ऑर्डर लिया तो बेटा नाराज हुआ
मोहम्मद याकूब ने बताया- वह तेजपाल के पास 6 साल से काम कर रहा था। सीमेंट के ऑर्डर लाता था और उसका डंपर चलाता था। तेजपाल और उसके पिता चंदन सिंह के बीच आपसी विवाद था। मैंने चंदन सिंह के लिए सीमेंट का ऑर्डर लिया था। इस कारण तेजपाल मुझसे नाराज था।
हिस्ट्रीशीटर के पिता ने राहुल को किया था कॉल
चांग (ब्यावर) गांव निवासी राहुल ने बताया- तेजपाल के पिता ने रात को तीन बजे फोन कर घटना के बारे में बताया था। उस दौरान मैं घर पर ही था। पूछने पर उन्होंने बताया कि याकूब ने मेरे पास सीमेंट की गाड़ी खाली करवाई थी, इसलिए शायद उसके साथ मारपीट की गई है।
मैंने तेजपाल के पिता से बीच-बचाव करने को कहा, तो उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि मेरा तो उससे झगड़ा चल रहा है, वहां गया तो विवाद ज्यादा हो जाएगा। इसके बाद याकूब के परिजनों को भी घटना के बारे में बताने का प्रयास किया गया, लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो पाया।
ब्यावर SP श्याम सिंह ने बताया- मामले में तेजपाल सिंह और परमेश्वर सिंह को अरेस्ट किया गया और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। हिस्ट्रीशीटर और उसके साथी को पहले थाने से लेकर शहर के मुख्य बाजार तक करीब दो किलोमीटर तक दोनों आरोपियों की परेड निकाली। इसके बाद उन्हें 8 किलोमीटर दूर स्थित पिपलिया कलां गांव ले जाया गया, जहां गांव के मुख्य बाजार में भी दोनों को पैदल घुमाया गया। इस गांव में तेजपाल ने एक कंपनी के मालिक को भी धमकी दी थी।
हिस्ट्रीशीटर तेजपाल के खिलाफ 12 केस दर्ज
तेजपाल सिंह पर रायपुर थाने में 8, जबकि भीम (राजसमंद), कोटड़ी (भीलवाड़ा) और ब्यावर सदर में भी एक-एक केस दर्ज है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, 2005 में रायपुर थाने में मारपीट का पहला मामला दर्ज हुआ था। इसके बाद 2021 तक जानलेवा हमला, धोखाधड़ी, हथियारों से धमकाना, किडनैपिंग, डकैती जैसे 11 मामले दर्ज हो चुके हैं। आरोपी तेजपाल को रायपुर पुलिस ने 15 अक्टूबर 2024 को एक साल के लिए पाबंद किया गया था।


