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बिलाड़ा-‘दया’ दो अक्षरों के इस शब्द में पर इंसानियत टिकी हुई है। इसी इंसानियत की मिसाल पेश करती यह तस्वीर बिलाड़ा क्षेत्र की है। जिसमें जीवदया फाउंडेशन की टीम करैत प्रजाति के सांप का इलाज कर रही है। साइलेंट किलर के नाम से मशहूर इस करैत सांप के लिए कहा जाता है कि ये कोबरा से भी 4 गुना ज्यादा जहरीला होता है। अपनी जान जोखिम में डालकर भी इस सांप का जीवन बचाना ही जीव दया है। टीम द्वारा इलाज करने के कारण एक जहरीले लेकिन जीव की जान बच गई।
डामर से भरे गड्ढे से निकलने के दौरान सांप इससे सना, केरोसीन व पानी से धोकर किया साफ…
फाउंडेशन के केशाराम बैरवा ने बताया कि रविवार को उन्हें व टीम को सूचना मिली की एक सांप मरणासन्न स्थिति में डामर से भरा हुआ 5 दिनों से झाड़ियों में फंसा हुआ है। इस पर वे और टीम के जितेंद्र सीरवी जैतीवास रोड पर पहुंचे तो पता चला कि पास में ही डामर से भरा ड्रम था, जिसमें रखा डामर पिघलकर गड्ढे में भर गया। संभवतः सांप इस गड्ढे से निकला होगा और उसके शरीर पर डामर चिपक गया होगा। जिसके कारण वह कुछ दूर चलकर झाड़ियों में फंस गया। जिसे झाड़ियों से निकालकर गोधाम चिकित्सालय ले आए। यहां केरोसिन की मदद से सांप को 4-5 बार धोकर डामर उतारा। देसी घी व हल्दी लगाई ताकि संक्रमण से बचाव हो सके। इसके बाद पानी पिलाया। जब ये रेंगने की स्थिति में आ गया तो उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया।