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बीकानेर। लालगढ़ से दिल को झकझोर देने वाली खबर सामने आई है। जिस युवक के सिर पर 6 दिन बाद शादी का सेहरा बंधने वाला था, उसकी रेल हादसे में मौत हो गई। युवक लालगढ़ रेलवे स्टेशन पर तैनात था और घर जाने वाला था। लेकिन कपड़ा नहीं मिलने की वजह से एक दिन रुक गया और रविवार को उसकी मौत हो गई।
दरअसल, बीकानेर जिले में स्थित लालगढ़ रेलवे यार्ड में रविवार सुबह ट्रेन शंटिंग के दौरान हादसे में रेलकर्मी अभिमन्यु सिंह (30) की मौत हो गई। अभिमन्यु मूल रूप से सवाई माधोपुर जिले का रहने वाला था। इस रेलवे कर्मचारी की छह दिन बाद शादी होनी थी। हादसे ने परिवार की खुशियों को मातम में बदल दिया। घर में कोहराम मच गया है। घर के लोग शादी की तैयारियों में जुटे थे। रिश्तेदारों का आना-जाना शुरू हो गया था, लेकिन अचानक हुए हादसे ने सभी को झकझोर दिया है।परिवार में चल रहा था जश्न
घर में जश्न का माहौल था, लोग सामान की खरीददारी कर रहे थे। महिलाएं अपने सजने-संवरने की प्लानिंग बना रहीं थी। पूरे परिवार में खुशी थी। आखिर घर वालों को क्या पता अचानक यह सब हो जाएगा।
अभिमन्यु को महज 6 दिन बाद ही दूल्हा बनना था, दोस्त बारात चलने की तैयारी कर रहे थे। आखिर उनको क्या पता कि उनका दोस्त ही नहीं रहेगा।लालगढ़ रेलवे स्टेशन पर थी तैनाती
अभिमन्यु बीकानेर जिले के लालगढ़ रेलवे स्टेशन स्थित यार्ड में प्वाइंट मैन के पद पर कार्यरत था। रेलवे पुलिस के मुताबिक रविवार सुबह करीब पांच बजे अभिमन्यु लालगढ़ रेलवे स्टेशन स्थित यार्ड में ड्यूटी कर रहा था। इस दौरान एक ट्रेन की शंटिंग कराने के दौरान उसका पैर फिसल गया और वह रेल लाइन पर गिर पड़ा।
ऐसे हुआ हादसा
लोको पायलट को अभिमन्यु के गिरने का आभास होता इससे पहले ही वह ट्रेन की चपेट में आ गया। कर्मचारियों ने तुरंत रेलवे पुलिस को सूचना दी। जीआरपी लालगढ़ चौकी प्रभारी गजानंद आचार्य ने बताया कि मृतक अभिमन्यु के परिजनों के पहुंचने पर शव का पोस्टमार्टम कराया गया।दर्जी ने कपड़े दे दिए होते तो बच जाती जान
साथी कर्मचारी ने बताया कि अभिमन्यु की 22 नवम्बर को शादी थी। शादी के कपड़े सिलवाने के लिए बीकानेर में ही एक दर्जी को दिया था। कपड़े लेकर उसे रविवार की सुबह गांव जाना था। शनिवार शाम को अभिमन्यु कपड़े लेने गया, लेकिन टेलर ने कपड़े सुबह देने की बात कह दी। अभिमन्यु को क्या पता था, ‘यह सुबह’ उसके जीवन की आखिरी सुबह साबित होगी। अभिमन्यु सवाई माधोपुर जिले के रवाजना चौड़ का रहने वाला था।मां-पिता बेसुध
अभिमन्यु परिवार में तीन भाइयों में सबसे छोटा था। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं। हल्दी-पिठाई की बातें, रिश्तेदारों को निमंत्रण देने का क्रम चल रहा था। इसी बीच रविवार सुबह अभिमन्यु के मौत की खबर पहुंची तो खुशियां मातम में बदल गई। अभिमन्यु के मां-पिता बेसुध हो गए। वे बार-बार कह रहे थे, बेटा तो कपड़े लेने बीकानेर गया था। रिश्तेदारों की आंखें नम हो गई और गांव में शोक छा गया। अभिमन्यु की यह दर्दनाक मौत परिजनों के लिए ऐसी टीस छोड़ गई, जिसे समय भी नहीं भर पाएगा
