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भरतपुर। थोक एवं व्यापारियों को गेहूं एवं दाल आदि की स्टॉक लिमिट रखना जरूरी होगा। व्यापारी ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें विभागीय कार्रवाई झेलनी पड़ सकती है। हालांकि शहर में लिमिट को लेकर व्यापारियों ने लिमिट अब खाद्य विभाग को बताना शुरू कर दिया है। ऑनलाइन तरीके से बताए जा रहे स्टॉक में अब तक जिले से 64 रजिस्ट्रेशन किए जा चुके हैं
जिला रसद अधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के मंत्री के निर्देश पर प्रमुख शासन सचिव भास्कर.ए. सावंत ने इस संबंध में सभी जिला रसद अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। विभाग के निर्देश हैं कि दलहन के अंतर्गत तूर, चना और काबुली चना की स्टॉक लिमिट सीमा 30 सितम्बर तक प्रभावी रहेगी।
45 दिन से अधिक नहीं कर सकेंगे गेहूं-दाल का स्टॉक
थोक विक्रेता के लिए 200 मीट्रिक टन, खुदरा विक्रेता के लिए 5 मीट्रिक टन, बिग चैन रिटेलर्स के लिए खुदरा आउटलेट पर 5 मीट्रिक टन, डिपो पर 200 मीट्रिक टन एवं मीलर के लिए 3 माह के उत्पादन अथवा वार्षिक संस्थापित क्षमता का 25 प्रतिशत (इनमें से जो अधिक हो) आयातित सीमा शुल्क मंजूरी से 45 दिनों से अधिक स्टॉक नहीं कर सकेगा।
इसी प्रकार गेहूं की स्टॉक सीमा 31 मार्च 2025 तक प्रभावी रहेगी। थोक विक्रेता के लिए 3 हजार टन, रिटेलर प्रत्येक आउटलेट के लिए 10 टन, बिग चैन रिटेलर प्रत्येक आउटलेट के लिए 10 टन और उनके सभी डिपो पर 3 हजार टन प्रोसेसर्स मासिक स्थापित क्षमता की 70 प्रतिशत मात्रा को 2024-25 के शेष महीनों से गुणा के बराबर अधिसूचना के जारी होने के 30 दिन के अंदर निर्धारित स्टॉक सीमा में रखना सुनिश्चित करेंगे। इस संबंध में व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन संबंधी निर्देश दिए गए हैं।