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भरतपुर। जगन्नाथ पहाड़िया मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस तृतीय वर्ष का छात्र अविरल सैनी (23) परीक्षा देने से कुछ घंटे पहले ही हार मान बैठा। पीजी हॉस्टल के कमरे में अविरल ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। अलवर निवासी अविरल के इस कदम ने साथियों, शिक्षकों और पूरे कॉलेज को स्तब्ध कर दिया।
अविरल हंसमुख और जिम्मेदार स्वभाव
सुबह की शुरुआत सामान्य थी। नाश्ता, पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी। साथियों ने बताया कि अविरल हंसमुख और जिम्मेदार स्वभाव का था। वह सुबह लगभग साढ़े सात बजे अपने दोस्तों अभिषेक शर्मा, लवेश, वितेश साहू और देवेश जैन के साथ नाश्ता करके अपने कमरे में चला गया। उसने कमरे में जाते समय कहा कि मुझे 8.30 बजे जगा देना।
डॉक्टरों ने मृत घोषित किया
बातों के बीच उसने एक साथी से रस्सी के बारे में भी पूछा, लेकिन किसी ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। कुछ देर बाद जब दोस्त दरवाजा खटखटाने पहुंचे तो भीतर से कोई जवाब नहीं आया। दरवाजा तोड़ा गया तो अविरल फांसी के फंदे पर झूलता मिला। उसे तत्काल आरबीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
सूचना मिलते ही अस्पताल अधीक्षक डॉ. नगेंद्र सिंह भदौरिया, सीएमएचओ डॉ. गौरव कपूर सहित पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए मुर्दाघर में रखवाया गया है। सेवर थाना प्रभारी सतीश भारद्वाज ने बताया कि एफएसएल टीम ने मौके पर जांच की है। प्रारंभिक तौर पर खुदकुशी के कारणों का कोई स्पष्ट सुराग नहीं मिला है।
घर में मच गया कोहराम
अविरल की इस दर्दनाक मौत ने मेडिकल छात्रों की मानसिक स्थिति को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। लंबा कोर्स, लगातार दबाव, परीक्षा की चिंता और भविष्य की अनिश्चितता ये सब कारक अक्सर युवाओं को भीतर से तोड़ रहे हैं। अविरल के परिजनों को जैसे ही खबर मिली, घर में कोहराम मच गया। पिता ख्यालीराम सैनी बार-बार यही कह रहे थे कि वो तो बस पेपर देने की बात कह रहा था।
