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बेडा। कॉम्बेश्वर जी मे श्री क्षत्रिय युवक संघ पुज्य श्री तनसिंह जी पीड़ा का प्रकटीकरण है -दुदिया
बन्धुओं इन चार दिनों में हमने जो शिक्षण लिया है यह संघ पूज्यनीय तनसिंह जी पीड़ा का का ही रुप है रामायण काल का उदाहरण देते हुए कहा कि राम से रावण की सेना बड़ी होते हुए भी रावण हारे क्योंकि रावण असत्य के रास्ते पर थे ऐसे ही कौरव ,कंस , सबके सब हारे, क्योंकि उनके पास शक्ति तो थी परन्तु तामसिक शक्ति थी उस शक्तियो को उन्होंने गलत उपयोग किया इसी तरह से आज के आतंकवादी संगठन भी तामसिक कार्य करते हैं देश के हित में काम नहीं करते इसलिए वो हमारे लिए त्याज्य इन सभी तामसिक गुणों छोड़कर हमारे अन्दर स्वाभाविक गुण जो पहले से मौजूद हैं उनको इस सदअभ्यास के द्वारा जाग्रत करने कार्य हमने इन चार दिनों में किया है हमारे इन सद्गुणों पर आई राख को हटा कर है ही अपने आप को सुधारना ही जग को सुधारना है ही तनसिंह के पीड़ा का निवारण है और अभ्यास करवाके तनसिंह के सहगीत की पंक्ति बोलते हुए कहां की” ले सम्भाल थारी पतवार थारी अब पारख होसी ” कहां की इस तनसिंह की पीड़ा का निवारण सच्चे समाज सेवक, देश भक्त, राष्ट्र भक्त बनकर हम ही कर सकते ।
यह बात सुमेरपुर के निकट काम्बेशवर महादेव मंदिर में संघ के प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर के विदाई कार्यक्रम में शिविर प्रमुख खुमान सिंह दुदिया ने कही। कार्यक्रम के पश्चात मण्डल प्रमुख हीर सिंह लोडता ने बताया कि शिविर के भोजन की व्यवस्था का खर्च शैतान सिंह सैदला ने किया और साथ ही व्यवस्थापक के रूप में मंगल सिंह बेड़ा चौहान महासभा के अध्यक्ष प्रताप सिंह कोठार उदय सिंह बेड़ा ने सहयोग किया उसके लिए संघ में धन्यवाद की परम्परा तो नहीं है
परन्तु कृतज्ञता जरुर प्रकट की समापन के अवसर पर, महारावल मुजाजी ट्रस्ट अध्यक्ष, मनोहर सिंह करवाना, लक्ष्मण सिंह, पूर्व सरपंच करण सिंह सेंडला भॅवर सिंह सेवाड़ी, मान सिंह कुमटिया, रूप सिंह वेलार, परबत सिंह चामुंडेरी,शंभू सिंह मालरी, विश्व नाथ प्रताप सिंह दुदनी, सहित आस पास के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।