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बाड़मेर-बाड़मेर के सरकारी हॉस्पिटल के बाहर पिता-पुत्र गले मिलकर फूट-फूटकर रोये। दरअसल शनिवार को हॉस्पिटल में भर्ती महिला दरिया कंवर (50) की इलाज के दौरान शनिवार को मौत हो गई। परिवार ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया।
हॉस्पिटल के बाहर परिजन धरने पर बैठ गए। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी धरने पर पहुंचे। शाम 6 बजे सहमति बनी और लापरवाही बरतने वाले नर्सिंग कर्मियों को 17 सीसी का नोटिस जारी करने का आश्वासन दिया गया।
पीएमओ डॉ. बी.एल. मंसूरिया ने बताया- शुक्रवार को मोलर प्रेग्नेंसी से पीड़ित महिला को भर्ती किया गया था। रात में परिजन घर चले गए थे। शनिवार सुबह 9 बजे वापस आए। सफाई करने (डीएनसी) की कंसल्ट ली गई। सफाई करने की तैयारी कर रहे थे कि मरीज की तबीयत बिगड़ गई।
नॉर्मल एंटीबायोटिक बच्चेदानी का मुंह खोलने के लिए लगाते है। दूसरा कोई इंजेक्शन भी नहीं लगाया। परिजनों से कंस्लेट लेकर डीएनसी कर रहे थे। बेसिकली जो प्रॉब्लम थी मोलर प्रेग्नेंसी थी, जिसमें कभी कभार इस तरह होने की संभावना रहती है।
डॉक्टर वार्ड में राउंड पर थे। महिला को बचाने की कोशिश की। फिर ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट कर इंट्रोगेट किया, लेकिन रिवाइज्ड नहीं होने से पेशेंट की मौत हो गई। इसके बाद परिजन ने हंगामा कर दिया। सभी आरोप निराधार हैं।
बेटा बोला- वार्ड बॉय ने कहा, सरकारी है यहां ऐसे ही चलेगा दरिया कंवर के बेटे नखत सिंह ने कहा- मां की मौत होने के बाद डॉ. खेताराम, कमला मैडम, ओटी के लोगों ने मुझ पर दबाव बनाया ताकि मैं कोई आवाज नहीं उठा सकूं। बाड़मेर हॉस्पिटल में एक मैं ही अनाथ नहीं हुआ, इससे पहले भी कई अनाथ हुए हैं। लापरवाही डॉक्टरों की है। मैं कड़ी से कड़ी कार्रवाई चाहता हूं।
नखत ने आरोप लगाया डॉ खेताराम को कल दिखाया था। हमने कल इंसानियत दिखाई। नंबर से ही पेशेंट को दिखाया। मैंने पूछा था कि कोई खतरा तो नहीं है सफाई में, कोई दिक्कत हो तो जोधपुर ले जाकर दिखा लाऊंगा। तब खेताराम ने मना कर दिया, बोला मैं खुद देखूंगा। यहां नर्सिंग स्टाफ मरीज को तब तक नहीं संभालता जब तक वह 90 फीसदी तक खत्म न हो जाए। एक वार्ड बॉय मुकेश ने मुझे बोला- यहां काम ऐसे ही होगा, ये सरकारी हॉस्पिटल है। ज्यादा दिक्कत है तो कहीं और ले जाओ।
मां की मौत के एक घंटे तक डॉक्टर व नर्सिंग कर्मी गुमराह करते रहे। सुबह 10 बजे मां को इंजेक्शन लगाया। इसके बाद वह बेहोश हो गई। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो गई। नर्सिंग कर्मियों के सामने मिन्नतें करता रहा। डेढ़ घंटे बाद ड्रिप लगाई। इससे कोई फायदा नहीं हुआ। फिर उन्हें एक इंजेक्शन और लगाया। इसके बाद तबीयत ज्यादा खराब हो गई।
कुछ देर बाद ऑक्सीजन लगाई। जिसके कुछ ही देर बाद मां की मौत हो गई। डॉक्टर मां की मौत के बाद ओटी में लेकर गए।
मॉर्च्यूरी के बाहर धरने पर बैठे, बुजुर्ग पति की आंखों से बहे आंसू
मामले में आक्रोशित परिजन व समाज के लोग मॉर्च्यूरी के बाहर धरने पर बैठ गए। परिजन ने लापरवाह डॉक्टर व नर्सिंगकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। इस दौरान दरिया कंवर के पति किशन की आंखों से लगातार आंसू बहते रहे। वे बेटे नखत सिंह के साथ लिपट कर रोये। दरिया और किशन के 4 बेटे हैं।
महिला की मौत के बाद हुए हंगामे की सूचना पर कोतवाली पुलिस हॉस्पिटल पहुंची। परिजनों को समझाया। शव को हॉस्पिटल की मॉर्च्यूरी में रखवाया। परिजन व समाज के लोग वहीं धरने पर बैठ गए। इस दौरान शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, एएसपी जसाराम बोस, एसडीएम वीरमाराम, पीएमओ बीएल मंसूरिया भी पहुंचे।
मोलर प्रेग्नेंसी बीमारी से ग्रसित थी
परिजनों के अनुसार- बाड़मेर मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल में चौहटन गोहड़ का तला निवासी दरिया कंवर (50) पत्नी किशन सिंह मोलर प्रेग्नेंसी बीमारी से ग्रसित थीं। अगस्त माह के फर्स्ट वीक में बाड़मेर हॉस्पिटल में डीएनसी करवाई थी। इसके बाद उसे छुट्टी दे दी गई थी।
नखत सिंह ने बताया- कल पेट दर्द होने पर वापस लेकर आए। तब डॉक्टर खेताराम ने फिर से भर्ती कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले डीएनसी सही ढंग से नहीं हुई है। अब मैं यहीं हूं डीएनसी कर दूंगा। कल सारी जांच करवाई और शाम को एडमिट करवा दिया।
शनिवार सुबह डॉक्टरों ने डीएनसी करने के लिए कहा। डॉक्टरों ने इंजेक्शन और ड्रिप लगाया। अचानक तबीयत बिगड़ गई। करीब डेढ़ घंटे बाद मौत हो गई।
पीएमओ ने कहा- मॉर्निग का समय था, वहां पर डॉक्टर पवन धारीवाल, फिजिशयन डॉक्टर, रेजिडेंट डॉक्टर भी थे। एक माह पहले डीएनसी करवाई थी, इस बार बायोप्सी के लिए भेजना था। पेशेंट को गुमराह करने का सवाल पैदा नहीं होता। डॉक्टर व नर्सिंगकर्मियों ने ओटी के अंदर काफी प्रयास किए है। फिर भी वह रिकवर नहीं हो पाई।