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बांसवाड़ा-दो बहनों को घुमाने के बहाने ले जाना और फिर साथी की मदद से ज्यादती करने के साढ़े चार साल पुराने मामले में विशेष अदालत ने धामनिया के सूरज को दोषी मानते हुए 20 साल की कठौर कैद और विभिन्न धाराओं में 25 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। वहीं वारदात में भूमिका को देखते हुए आनंदपुरी क्षेत्र के सालिया निवासी पप्पू को 10 साल की कैद व 20 हजार रुपए जुर्माना और तीसरे अभियुक्त पाटिया कोदर के भगु को 4 वर्ष की कैद और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
विशिष्ट लोक अभियोजक हेमेंद्रनाथ पुरोहित ने बताया कि 3 नवंबर को वह और उसकी बहन उसके घर से बांसवाड़ा आए। एमजी अस्पताल में दवाई लेकर घर के लिए निकले।
इसी दौरा उसके परिचित सूरज का कॉल आया और वह उनसे मिलने पुराना बस स्टैंड गई, जहां सूरज ने बागीदौरा घूमकर आने के लिए कहा। इस पर वह, उसकी बहन और सूरज बस में बैठकर 5 बजे बागीदौरा पहुंचे। वहां पहुंचने पर सूरज ने उसके परिचित 2-3 जनों को बुलाया। पीड़िता को सूरज ने उसके दो परिचित व्यक्तियों के साथ बाइक पर बैठाया, जो उसे गलियों में घुमाते हुए शेरगढ़ की ओर ले गए। अंधेरा होने पर एक व्यक्ति ने उसके साथ खोटा काम किया।
इस पर चिल्लाकर वह भागी और सालिया गांव में कुछ मकान दिखाई दिए तो वहां गई। जहां लोगों से मोबाइल मांगकर उसके पिता को कॉल किया। बाद में पिता लेने के लिए आए। वहीं उसकी बहन को सूरज कहीं लेकर चला गया।
जिसने उसके साथ खोटा काम किया। बहन को सुबह 9 बजे बागदौरा बस स्टैंड से बांसवाड़ा के लिए बैठाया। जिस पर पीड़िता की बहन रात 12 बजे घर पहुंची। पुलिस ने 4 फरवरी, 2020 में आरोप पत्र पेश किए थे। विशिष्ट न्यायाधीश तारा अग्रवाल ने दोषियों को सजा सुनाई। कोर्ट ने पीड़िताओं के लिए प्रतिकर के लिए सिफारिश भी की।