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बांसवाड़ा-जिले में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है। इससे कई पेड़-कच्चे मकान गिर गए। बोरदा गांव में रविवार देररात ऐसा ही हुआ। अपने ही घर के बरामदे में सोए बुजुर्ग पर उसके केलुपोश घर का छज्जा गिर गया। 63 वर्षीय ऊंकार निनामा पुत्र लालिया निनामा बीती रात घर में खाट पर सो रहे थे कि रात करीब 2:10 बजे बरसात के कारण घर का छज्जा उन पर गिर गया। जिस पर खाट पर वह सोए थे वह भी टूट गई। शोर सुनकर आस-पास के लोग और घर वाले भाग कर आए और बुजुर्ग को उठाया। बुजुर्ग को पाटन अस्पताल ले जाकर उपचार करवाया।
सुबह बुजुर्ग की तबीयत खराब होने पर उन्हें एमजी अस्पताल रेफर किया, लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। मृतक के रिश्तेदार राजू निनामा ने बताया कि उनके गांव में अभी तक श्मशान घाट नहीं बनाया गया है। जबकि एक बीघा जमीन भी जीएसएस के पास आवंटित है। जिसकी कई बार शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। मृतक के भतीजे राजू निनामा ने बताया कि ग्रामीणों ने रात्रि चौपाल में कलेक्टर, गांव के सरपंच व अन्य नेताओं को भी गांव में श्मशान नहीं होने की शिकायत की, लेकिन किसी ने भी श्मशान घाट का निर्माण नहीं कराया। हर बार बजट का बहाना किया जाता है। राजू ने बताया कि श्मशान घाट जाने के लिए जो मार्ग बना है, उस पर भी किसी ने अतिक्रमण कर रखा है। हालात ये है कि सभी ग्रामीण घर से अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां लेकर जाते हैं। बारिश के दिनों में अंतिम संस्कार में समस्या आती है, इसलिए वह टायर और डीजल साथ ले जाते हैं। 63 वर्षीय ऊंकार निनामा के अंतिम संस्कार के लिए भी उनके परिजन घर से लकड़ियां ले गए। वहीं बाजार से 20 लीटर डीजल और 2 हजार रुपए में 17 टायर खरीद कर लाए।