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बांसवाड़ा-बांसवाड़ा जिले के ग्रामीण इलाकों में झोलाछाप डॉक्टर इलाज कर लोगों की सेहत से खिलावड़ कर रहे हैं। सोमवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एचएल ताबियार ने छोटी सरवन में दो क्लिनिक पर छापा मारा।
इसमें से एक क्लिनिक बंद मिली और दूसरी क्लिनिक के संचालक के पास किसी तरह की डिग्री या सर्टिफिकेट नहीं मिला। इलाज करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह 12वीं पास है।
इस पर सीएमएचओ डॉ ताबियार ने वहां इलाज करा रहे लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा। इस दौरान एकत्रित हुए लोगों को उन्होंने अवैध रूप से चल रहे क्लिनिक में इलाज न कराने की सलाह दी। साथ ही सरकारी अस्पताल में जाने की अपील की।
बिना सर्टिफिकेट क्लिनिक चला रहा था 12वीं पास व्यक्ति
डॉ. ताबियार ने बताया- पश्चिम बंगाल का एक व्यक्ति बिना किसी कागजात के इलाज कर रहा था। उसने अपना नाम सदानंद बताया। किसी भी प्रकार की अनहोनी होगी तो ये लोग भाग जाएंगे, नुकसान हमारा होगा। संचालक सदानंद से डॉक्यूमेंट मांगे तो वह पेश नहीं कर पाया। सदानंद क्लिनिक में ही रहता है। जिस कमरे में इलाज करता है उसी में निवास करता है। क्लिनिक को सील कर दिया है।
इस मामले में बीसीएमओ डॉ. मुकेश मईड़ा को एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राहुल डिंडोर भी टीम में शामिल रहे। उन्होंने छोटी सरवन क्षेत्र में मौसमी बीमारियों को लेकर समीक्षा की।
शिकायत पर टीम पहुंची तो बंद मिला दवाखाना
टीम ने शिकायत के आधार पर तिरूपति दवाखाना का भी दौरा किया। वह बंद मिला। आसपास पूछताछ पर पाया कि अस्पातल रोजाना खुलता है। आज बंद है। इस पर बीसीएमओ को आकस्मिक निरीक्षण कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
दरअसल मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तिरूपति अस्पताल की जांच करने और मौसमी बीमारियों को लेकर समीक्षा करने के लिए छोटी सरवन गए थे। लेकिन बस स्टैंड पर देखा कि एक जगह काफी भीड़ लगी थी। उन्होंने अपना वाहन रुकवाया और अंदर गए।देखा कि बेड पर दो मरीज बैठे हैं और एक व्यक्ति इंजेक्शन लगा रहा है। इस पर उन्होंने पूछताछ की तो अवैध क्लिनिक पाया।