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बांसवाड़ा-बांसवाड़ा में चेक बाउंस के मामले में पिता को जेल हो गई, जिसके बाद आरोपी उसके बेटे को परेशान करने लगे। आहत बेटे ने अपने मामा के घर जाकर एक कमरे में सुसाइड कर लिया।
घटना से आक्रोशित लोग युवक का शव लेकर आरोपियों के घर पर पहुंच गए और वहां शव रखकर प्रदर्शन किया। देर शाम पुलिस की समझाइश के बाद दोनों पक्षों में सुलह हो गई, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने धरना खत्म किया।
पूरा घटनाक्रम जिले के कलिंजरा थाना क्षेत्र में हुआ। मृतक अर्पित पुत्र हरलाल को चेक बाउंस होने पर धमकाया गया। चेक बाउंस के मामले में उसके पिता हरलाल 11 दिन से जेल में बंद हैं। लेकिन प्रार्थी रामलाल और उसके परिजन अर्पित को लगातार पैसों के लिए धमका रहे थे, जिसके बाद आरोपी ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली।
मृतक के परिजन तेरसिंह ने बताया- बागीदौरा निवासी राम लाल ओर उसके पुत्र ने अर्पित पुत्र हरलाल को धमकाया था। इसके कारण अर्पित अपना घर छोड़कर मामा के घर सरेडी भिलान गांव में रहने चला गया था। वहां पर उसने फंदा लगाकर जान दे दी। परिजन घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे और शव को महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। मामले में रिपोर्ट देकर प्रकरण दर्ज करवाया गया। साथ ही पोस्टमॉर्टम के शव परिजनों को सौंप दिया था।
इसके बाद मृतक अर्पित के परिजन उसकी लाश को लेकर आरोपी के घर पहुंच गए। जहां आरोपियों के घर के बरामदे में शव रख कर वहीं दफनाने की मांग की। सूचना पर डिप्टी संदीप सिंह शक्तावत, सीआई विक्रम सिंह जाप्ते के साथ पहुंचे।
परिजनों ने आरोप लगाया कि धमकी देने से अर्पित डर गया और उसने आत्महत्या कर ली। उसके शव को आरोपियों के घर के बाहर दफनाने और धमकी देने वाले बाप बेटे की गिरफ्तारी की मांग की। इस दौरान रामलाल का परिवार घर में ताला लगाकर भाग गए।
परिजनों ने बताया- बागीदौरा देवालापाडा निवासी हरलाल से रामलाल की लेन-देन थी और उसको लेकर हस्ताक्षर कर के चेक दिया था। जिस पर कोई राशि नहीं लिखी थी। रामलाल ने चेक में फर्जी राशि 5.50 लाख रुपए भर कर चेक लगा दिया। इस कारण चेक बाउंस हो गया। चेक बाउंस होने पर कोर्ट ने हरलाल को जेल भेज दिया। ऐसे में करीब 11 दिन से हरलाल जेल में बंद है।
हालांकि देर शाम पुलिस की समझाइश के बाद दोनों पक्षों में सुलह हो गई और परिजन शव लेकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में जुट गए।