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बांसवाड़ा-पंचायत समिति घाटोल में 12 दिन में तीन बीडीओ के तबादले हो गए। एक के बाद एक बीडीओ के पदभार ग्रहण करने के महज 4 से 6 दिन में जारी नई लिस्ट में नया नाम आना चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां महज 12 दिन में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग से जारी ट्रांसफर लिस्ट में 3 बीडीओ बदले जा चुके हैं।
घाटोल पंचायत समिति की कुर्सी के लिए राजनेता व ठेकेदार चहेते बीडीओ को लगाने में लगे हुए हैं। घाटोल पंचायत समिति ठेकेदारी प्रथा के कारण पूर्व में भी खूब सुर्खियों में रही है।
दरअसल, 25 सितंबर 2024 को राकेश निनामा ने घाटोल बीडीओ का पदभार ग्रहण किया था। 9 दिन में तबादला सूची जारी होते ही उनकी जगह समुंद्रसिंह बीडीओ बने। सिंह ने 7 अक्टूबर को बीडीओ का पदभार ग्रहण किया। 14 अक्टूबर को जारी नई तबादला सूची में समुंद्रसिंह का तबादला चित्तौड़गढ़ कर दिया। उनकी जगह घाटोल पंचायत समिति में धनपतसिंह राव को लगाया गया। बीडीओ को लेकर चल रही राजनीति खींचतान के चलते यहां विकास कार्य ठप पड़े हैं। यहां के जनप्रतिनिधि अपने चहेते बीडीओ को लगाने में जयपुर तक सेटिंग कर रहे हैं।
कोई भी बीडीओ डेढ़ साल से ज्यादा नहीं रह सका
घाटोल पंचायत समिति में कोई भी बीडीओ डेढ़ साल से ज्यादा नहीं रहा। 3 मार्च 2023 को जितेंद्रसिंह चुंडावत ने पद संभाला था। जिनका 11 मार्च 2024 को ट्रांसफर हो गया था। 12 मार्च 2024 को बाबूलाल यादव को अतिरिक्त चार्ज दिया था। बीडीओ, प्रधान को लेकर पूर्व में भी विवाद हुआ था। यहां प्रधान, बीडीओ व विधायक अपना अपना राजनीति वर्चस्व बताने के लिए बीडीओ बदलने तो दूसरा उसे रोकने में लगा रहता था। जिले में सबसे ज्यादा घाटोल पंचायत समिति बीडीओ के तबादले को लेकर सुर्खियों में रही है। एक बार तो बीडीओ के खिलाफ प्रधान व सरपंचों ने प्रदर्शन कर पंचायत समिति गेट पर ताला लगा दिया था।