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राजसमंद में मातृकुण्डिया बांध डूब क्षेत्र के प्रभावित के करीब एक दर्जन गांवों के किसान विभिन्न मांगों को लेकर बांध के गेटों पर बीते 18 दिनों से धरने पर बैठे हैं लेकिन अब तक सिंचाई विभाग ने बांध के गेट नहीं खोले हैं। ऐसे में बांध के डूब क्षेत्र में दर्जनों बीघा खेतों में पानी भरने लगा है। बांध के गेट खोले जाने के मामले में पुलिस जाप्ता भी मौके पर पहुंचा लेकिन आंदोलनकारी किसानों की असहमति के चलते बांध के गेट नहीं खोले जा सके।
धरना स्थल पर दर्जनों की संख्या में महिला-पुरुष काश्तकार रविवार को भी डटे रहे। आन्दोलनकारी किसानों की ओर से बांध के गेट खोलने के लिए बांध को जाने वाले प्रवेश द्वार पर ताला लगा दिया गया था। बीते शुक्रवार को किसानों ने ताला खोल दिया और सिंचाई विभाग ने बांध के चार गेट एक- एक फीट तक खोलने का अलर्ट भी जारी किया, लेकिन आन्दोलनकारी किसानों की असहमति के कारण बांध के गेट नहीं खोले जा सके।
बांध के गेट खोलने के दौरान एहतियात के तौर पर राशमी, गिलूण्ड, रेलमगरा से पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचा, लेकिन इसी दौरान सिंचाई विभाग ने गेट नहीं खोलने का निर्णय कर लिया। इसके चलते बांध के गेट नहीं खोले गए वहीं बांध के जलस्तर में बढ़ोतरी होती जा रही है। इससे डूब क्षेत्र में नहीं आने वाले दर्जनों बीघा खेतों में भी बांध का पानी भर गया है।
खेतों में पानी भरने से खरीफ की फसलों की लिवाई के बाद पशुओं के लिए पड़े चारे के साथ कपास की फसलें जलमग्न हो गई। वहीं, रबी फसलों की बुवाई किए जा चुके खेतों में भी पानी भर जाने से खराबे की आशंका बढ़ गई है। इस स्थिति में कई खेतों में किसानों को खेतों में भरे बांध के पानी में से पशुओं के लिए चारा लाते देखा गया।
मामले को लेकर संभागिय आयुक्त के निर्देशन में रविवार को बजे संयुक्त बैठक हाईब्रिड मोड़ पर आयोजित करने के आदेश जारी किए गए, जिसमे संभाग स्तरीय अधिकारी व्यक्तिश: एवं अन्य अधिकारियों एवं क्षेत्रिय जन प्रतिनिधियों को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
राजसमंद बांयी नहर जल उपभोक्ता किसान समिति की बैठक महासतियों की मादडी ग्राम पंचायत क्षेत्र में स्थित श्रीकृष्ण गोशाला परिसर में होगी। समिति के सचिव गोपाल आचार्य ने बताया कि रविवार को बैठक होगी।
