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बाली। उपखण्ड के बलवना में गोचर भूमि पर अतिक्रमण: 22.37 हेक्टेयर जमीन घटने से पशुओं के लिए चारागाह संकट
पाली जिले के बलवना गांव में गोचर भूमि पर अतिक्रमण और सरकारी आवंटन के कारण पशुओं के लिए चारागाह का संकट गहरा गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि कुल 22.37 हेक्टेयर गोचर भूमि कम हो गई है, जिसकी क्षतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा नहीं की गई है।
बलवना ग्राम पंचायत जवाई बांध के पटवार हल्का में स्थित गोचर भूमि के खसरा नंबर 463, 509, 485, 525, 525/673 में से कुछ हिस्सा राज्य सरकार ने आबादी क्षेत्र में दर्ज किया है। इसके अतिरिक्त, कुछ भूमि पीएचईडी (P.HED) विभाग को आवंटित की गई है।
ग्रामीणों के अनुसार, बची हुई गोचर भूमि पर पीएचईडी विभाग और वन विभाग ने अतिक्रमण कर पक्के निर्माण कार्य और चारदीवारी बना दी है। इससे बलवना और जवाई बांध क्षेत्र के पशुओं के लिए चारागाह भूमि लगभग समाप्त हो गई है।
आंकड़ों के अनुसार, खसरा नंबर 525/673 से 3.4400 हेक्टेयर और खसरा नंबर 463/673 से 0.4400 हेक्टेयर भूमि गोचर से आबादी में दर्ज की गई है। वहीं, खसरा नंबर 508 से 0.7100 हेक्टेयर और खसरा नंबर 509/1 से 1.9700 हेक्टेयर भूमि पीएचईडी विभाग को आवंटित की गई है।
इसके अलावा, खसरा नंबर 509 पर पीएचईडी विभाग ने 7.4300 हेक्टेयर और खसरा नंबर 485 पर वन विभाग ने 4.4200 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण किया है। इस प्रकार, कुल 11.85 हेक्टेयर गोचर भूमि पर अतिक्रमण हुआ है।
ग्रामीण महेंद्रसिंह देवड़ा ने इस संबंध में सूचना प्रकाशित कराने की मांग की है, ताकि कुल 22.37 हेक्टेयर गोचर भूमि की क्षतिपूर्ति की जा सके। उनका कहना है कि गोचर भूमि की कमी से पशुपालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
