PALI SIROHI ONLINE
पिन्टू अग्रवाल
*राज्य स्तरीय दल ने कुष्ठ उन्मूलन की गतिविधियों का सराहा, मरीजों से किया संवाद परामर्श, बाली में सेल्फ केयर कैंप आयोजित*
पाली, 29 अगस्त 2024/
जिले में चल रहे कुष्ठ रोग कार्यक्रम की गतिविधियों की जानकारी लेने के लिए राज्य स्तरीय टीम पाली पहुंची। टीम में एनएलआर इंडिया फाउंडेशन जयपुर के सलाहकार डाॅ.सानिध्य भार्गव व सीबीआर रितु के नेतृत्व में सुमेरपुर ब्लाॅक के दुजाना गांव में संवाद-परामर्श कार्यक्रम आयोजित किया गया। टीम ने पाली जिले में चल रहे राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित गतिविधियों की सराहना की।
सीएमएचओ डाॅ.विकास मारवाल ने बताया कि स्टेट की टीम ने भ्रमण के दौरान दुजाना गांव में मरीजों के संपर्क वाले क्षेत्रों में समुदाय में सामूहिक संवाद-परामर्श का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य स्तरीय अधिकारियों ने सिंगल डोज रिफाम्पीसिन के फायदे के बारे में समुदाय को समझाया गया तथा समाज में फैली कई तरह की भ्रंातियों को दूर करने का प्रयास किए गए तथा कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों ग्राम दुजाना, पुराड़ा, पोमावा सुमेरपुर व जवाई एरन में व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी जांच की गई। राज्य स्तरीय दल द्वारा पाली जिले में चल रहे राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित गतिविधियों की सराहना की। राज्य दल के साथ एनएमएस भूराराम पटेल, डीईओ रेवंतराम, ब्लाॅक हैल्थ सुपरवाइजर प्रेमप्रकाष, सुमेरपुर बीपीएम प्रमोद गिरी, एसटीएस बींजाराम आदि का सहयोग रहा।
इधर, चिकित्सा विभाग की ओर से बुधवार को बाली मुख्यालय पर एक दिवसीय कुष्ठ रोग प्रभावित व्यक्तियों के लिए सेल्फ केयर कैंप का आयोजन किया गया।
सीएमएचओ डाॅ.विकास मारवाल ने बताया कि राज्य कुष्ठ रोग सलाहकार एवं बाली बीसीएमओ डाॅ.हितेन्द्र वागोरिया के नेतृत्व में आयोजित कैंप में एनएलआर इंडिया फाउंडेशन जयपुर के सलाहकार डाॅ.सानिध्य भार्गव ने उपस्थित आशा सहयोगिनियों एवं रोगियों को कुष्ठ रोग बीमारी से होने वाली विकलांगता व अपंगता के बारे में विस्तृत जानकारी दी। सीबीआर रितु द्वारा प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थियों को फिजियोथेरेपी के बारे में समझाया। साथ ही प्रेक्टिकल करके समझाया गया। श्रीमती जतना ने इस थैरेपी को अपनाने के बाद उनकी एक हाथ की अंगुली का पुनः कार्य करने लग गई। जिसकी जानकारी उसने कार्यक्रम के दौरान सभी को अंगुलियां को ठीक तरह से कार्य करने का प्रदर्शन किया। जब जतना पहली बार केस चिन्हित हुआ था। उस समय कुष्ठ रोग सुपरवाइजर भूराराम पटेल द्वारा परामर्श के दौरान थैरेपी समझाया गया था। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण में कुष्ठ रोग सुपरवाइजर पटेल ने स्टाॅफ व मरीजों को कुष्ठ रोग के संक्रमण पहचान के चिन्ह, फ्री उपचार के बारे में जानकारी दी तथा बताया कि रोगी का इलाज घर पर ही परिवार के सदस्यों के साथ रहते हुए भी किया जा सकता है।
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