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बाड़मेर-अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए बाड़मेर के जवान नखत सिंह भाटी (34) का गुरुवार को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पैतृक गांव हरसाणी से 500 मीटर दूर स्थित श्मशान घाट में दोपहर 2:15 बजे सात साल के बेटे शौर्य ने उनको मुखाग्नि दी।
शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए बाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, कलेक्टर निशांत जैन और एसपी नरेंद्र सिंह मीणा समेत हजारों लोग पहुंचे थे। गमगीन माहौल के बीच ‘नखत सिंह अमर रहे’ के नारे लगते रहे। पूरा इलाका देशभक्ति के नारों से गूंज रहा था।
इससे पहले शहीद की पार्थिव देह गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे गांव हरसाणी पहुंची थी। शहीद के अंतिम दर्शन करने के बाद उनकी पत्नी प्रियंका कंवर की तबीयत बिगड़ गई। वहीं, भाई उम्मेद सिंह फूट-फूट कर रोने लगे।
अरुणाचल प्रदेश में हुए थे शहीद
27 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश में ऑपरेशन अलर्ट के दौरान सेना के तीन जवान शहीद हो गए थे। इसमें बाड़मेर के हरसाणी गांव के रहने वाले हवलदार नखत सिंह भाटी भी शामिल थे। भाटी की शहादत की खबर मिलते ही गांव के बाजार बंद हो गए थे और मातम छा गया था।
आज तड़के करीब साढ़े तीन बजे हेलिकॉप्टर से पार्थिव देह को उतरलाई एयरबेस लाया गया था। यहां से आर्मी की टीम पार्थिव देह को जालीपा (बाड़मेर) मिलिट्री स्टेशन लेकर गई थी और फिर पैतृक गांव हरसाणी के लिए रवाना हुई थी। रास्ते में जगह-जगह भारत माता के जयकारे के साथ गाड़ी पर फूल बरसाए जा रहे थे। इनके काफिले में शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी शामिल थे।
सपना अधूरा रह गया
नखत सिंह भाटी अप्रैल में एक महीने की छुट्टी लेकर बाड़मेर आए थे। इस दौरान उन्होंने अपने मकान की नींव भरवाई थी। सपना था कि खुद का मकान बनवाएंगे। ड्यूटी पर लौटने से पहले मां और पत्नी प्रियंका कंवर से कहा था कि अगली बार 2 महीने की छुट्टी लेकर आऊंगा। घर बनवाऊंगा और छोटे भाई उम्मेद सिंह (24) की शादी करवाऊंगा, लेकिन सपने अधूरे रह गए। शहादत से पहले रात को पत्नी से फोन पर बात हुई थी। मंगलवार को दिनभर पत्नी ने फोन ट्राई किया, लेकिन फोन नहीं लगा। परिवार के सदस्यों को शहादत की जानकारी मिल चुकी थी, लेकिन उन्होंने प्रियंका (पत्नी) से छिपाए रखा था।