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बाड़मेर-अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए बाड़मेर के जवान नखत सिंह भाटी की पार्थिव देह गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे पैतृक गांव हरसाणी पहुंची। गमगीन माहौल के बीच नखत सिंह अमर रहे के नारे लग रहे हैं। पूरा इलाका देशभक्ति के नारों से गूंज रहा है। यहां पहले से ही कलेक्टर निशांत जैन और एसपी नरेंद्र सिंह मीणा सहित तमाम लोग पहुंच चुके हैं। कलेक्टर ने नखत सिंह की 3 साल की बच्ची को गोद में उठाकर दुलारा। उन्होंने परिवार वालों से भी बात की। घर से करीब 500 मीटर दूर श्मशान घाट में थोड़ी देर में शहीद का अंतिम संस्कार होगा।
इससे पहले जवान की पार्थिव देह को लेकर सेना की गाड़ी जालीपा (बाड़मेर) मिलिट्री स्टेशन से पैतृक गांव हरसाणी के लिए रवाना हुई थी। रास्ते में जगह-जगह भारत माता के जयकारे के साथ गाड़ी पर फूल बरसाए जा रहे थे। इनके काफिले में अपनी गाड़ी के साथ शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी शामिल हो गए थे।
आज तड़के करीब साढ़े तीन बजे हेलिकॉप्टर से पार्थिव देह को उतरलाई एयरबेस लाया गया था। यहां से आर्मी की टीम जालीपा मिलिट्री स्टेशन ले गई थी।
27 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश में ऑपरेशन अलर्ट के दौरान सेना के तीन जवान शहीद हो गए थे। इसमें बाड़मेर के हरसाणी गांव के रहने वाले हवलदार नखत सिंह भाटी भी शामिल थे। भाटी की शहादत की खबर मिलते ही गांव के बाजार बंद हो गए थे और मातम छा गया था।
सपना अधूरा रह गया
भाटी अप्रैल में एक माह की छुट्टी लेकर बाड़मेर आए थे। इस दौरान उन्होंने अपने मकान की नींव भरवाई थी। सपना था कि खुद का मकान बनवाएंगे। ड्यूटी पर लौटने से पहले मां और पत्नी प्रियंका कंवर से कहा था कि अगली बार दो महीने की छुट्टी लेकर आऊंगा। घर बनवाऊंगा और छोटे भाई उम्मेद सिंह (24) की शादी करवाऊंगा। सपने अधूरे रह गए। शहादत से पहले रात को पत्नी से फोन पर बात हुई थी। मंगलवार को दिनभर पत्नी ने फोन ट्राई किया, लेकिन फोन नहीं लगा। परिवार के सदस्यों को शहादत की जानकारी मिल चुकी थी, लेकिन उन्होंने प्रियंका (पत्नी) से छिपाए रखा।