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बाड़मेर-बाड़मेर में एक दिवसीय नागरिकता शिविर में 44 आवेदनों में से 14 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता की स्वीकृति जारी की गई है। इसमें तीन जनों को जल्द ही भारतीय नागरिकता जिला कलेक्टर देंगे। शिविर में पेंडिंग आवेदनों में कमी को दूर करवाया गया है। अब अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ऑनलाइन नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते है।
दरअसल, बाड़मेर जिले में स्थाई वास के आधार पर निवास कर रहे अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के लंबित नागरिकता के आवेदनों के निस्तारण एवं भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए शिविर लगाया गया था। जिला मुख्यालय पर शुक्रवार को भगवान महावीर टाउन हाल में 14 पाक विस्थापितों के भारतीय नागरिकता के स्वीकृति जारी की गई।
एडीएम राजेन्द्रसिंह चांदावत ने बताया- राज्य सरकार के निर्देशानुसार आयोजित नागरिकता शिविर में जिला कलक्टर ऑफिस में प्रक्रियाधीन 46 आवेदनों में से 14 लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए स्वीकृति पत्र जारी की गई। इस दौरान विभिन्न विभागीय ऑफिसों की ओर से पाक विस्थापितों के नागरिकता आवेदनों संबंधित कार्यवाही संपादित करवाई गई।
उल्लेखनीय है कि गृह विभाग के निर्देशों की पालना में बाड़मेर जिले में स्थाई वास के आधार पर निवास कर रहे अफगानिस्तान, बांग्लादेश एवं पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य यथा हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी एवं इसाई के भारतीय नागरिकता के लंबित आवेदनों के निस्तारण करने के लिए नागरिकता शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए गए थे।
तीन पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र
पाक विस्थापित श्रीमती सागर बाई पत्नी श्री रतन सिंह निवासी इंदिरा नगर बाड़मेर, जयपाल सिंह पुत्र उधेसिंह निवासी इंदिरा नगर बाड़मेर एवं अजमल सिंह पुत्र दलपत सिंह निवासी सरदारपुरा बाड़मेर को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। जिला कलक्टर निशांत जैन इनको भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान करेंगे।
शिविर में पहुंचे पाक विस्थापित
नागरिकता शिविर में भारतीय नागरिकता के लिए कई पाक विस्थापित पहुंचे। पाक विस्थापित रमेश कुमार ने बताया कि वे पाकिस्तान से वर्ष 2009 में भारत आए और तब से जोधपुर में रहे। पिछले दो सालों से बाड़मेर की वीजा पर है। उन्होंने बताया कि समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया के जरिए नागरिकता शिविर की सूचना मिली। यहां आने पर कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि वे नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते है। उनको इतने साल इसके बारे मे बिल्कुल जानकारी नहीं थी। इससे पहले वर्ष 2009 में आए अजमल सिंह के पिता दलपत सिंह और माता सायर बाई को भारत की नागरिकता मिल चुकी है।