PALI SIROHI ONLINE
बाड़मेर-बाड़मेर में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने एक शातिर तस्कर को पकड़ा है। तस्कर के घर वालों ने उसकी एक्सीडेंट में मरने की अफवाह फैला दी थी।
एक साल पहले फरारी के दौरान आरोपी ने गुजरात में अपनी नेपाली दोस्त सीमा उर्फ भूरी डॉन से शादी कर ली थी। नेपाली की तरह कपड़े भी पहनने लगा। अपने घर में नेपाली रिश्तेदार बनकर आता-जाता था।
शक होने पर पुलिस ने निगरानी शुरू की तो मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद 25 हजार रुपए के इनामी तस्कर रामस्वरूप पुत्र देरामाराम निवासी विश्नोईयों का तला खारा रामसर को ANTF ने सूरत (गुजरात) से डिटेन किया।
आईजी विकास कुमार ने बताया- आरोपी रामस्वरूप 8वीं तक गांव में पढ़ाई की। नवीं से बारहवीं तक गुजरात में पढ़ाई की। डीजे साउंड का काम किया, लेकिन कोविड लॉकडाउन से डीजे का काम नहीं चल सका।
कोविड में रामस्वरूप अपने परिचित प्रवीण चौधरी निवासी सिणधरी बाड़मेर के संपर्क में आकर एमडी ड्रग्स तस्करी का काम शुरू की। साल 2024 में प्रवीण चौधरी पुलिस थाना कोतवाली में एनडीपीएस मामले में पकड़ा गया। उस मामले में रामस्वरूप भी शामिल था। उसके बाद से ही रामस्वरूप गांव छोड़कर वापस सूरत गुजरात आ गया। वहां पर ट्रांसपोर्ट का काम करने लगा।
पहचान छुपाने के लिए नेपाली लड़की से की शादी रामस्वरूप ने गुजरात में साथ पढ़ने वाली नेपाली दोस्त सीमा उर्फ भूरी डॉन से समाज व गांव से रिश्ता तोड़कर सूरत में ही शादी कर ली। पुलिस आरोपी की टोह लेने घर पर जाती तो उसके परिजन रामस्वरूप के सड़क हादसे में मरने की अफवाह फैलाने का प्रयास करते। लेकिन, सबूत के तौर पर कोई रिकॉर्ड नहीं दिखा पाते थे।
पत्नी के साथ बाड़मेर आया तो इनपुट मिला कुछ माह पहले तस्कर अपनी पत्नी के साथ बाड़मेर स्थित घर आकर रुका। ये लोग रिश्तेदार बनकर आए थे। ऐसे में, पुलिस को शक हुआ तो निगरानी रखनी शुरू की। तब उसके नेपाल में संपर्क और ड्रग्स की तस्करी की जानकारियां और महत्वपूर्ण इनपुट हाथ लगे। फिर टीम ने सूरत में जाल बिछाकर आरोपी रामस्वरूप को पकड़ लिया।
हीरे की घिसाई करने वाला बना तस्कर
एएनटीएफ की टीम ने एक अन्य कार्रवाई में 2.5 करोड़ की एमडी और स्मैक के साथ सुरेश कुमार पुत्र मोहनलाल निवासी सेड़िया थाना करड़ा जिला जालोर को गिरफ्तार किया है। आईजी विकास कुमार ने बताया- सुरेश कुमार 10वीं कक्षा में फेल होने के बाद सूरज गुजरात में एसी फ्रिज की रिपेयरिंग का काम करने लग गया। वहां से छोड़कर फिर हीरे की घिसाई का काम करने लगा।
इसके बाद चाचा बुद्धराम के संपर्क में आकर एमडी, हेरोइन और स्मैक का काम करने लग गया। ड्रग्स लाकर युवाओं और आसपास के इलाकों में सप्लाई करने लगा। छोटी मात्रा मे शुरू की ड्रग्स सप्लाई को बड़े पैमाने पर शुरू कर दी।
नाइजीरिया से मंगवाने लगा ड्रग्स
विकास कुमार ने बताया- सुरेश पहले एमडी, हेरोइन और स्मैक स्थानीय मांग के अनुरूप सप्लायर से संपर्क करता था। एमडी, हेरोइन व स्मैक की मांग ज्यादा होने के कारण नाईजीरिया से भी एमडी, हेरोइन व स्मैक मंगवाता था। हवाला के जरिए ड्रग्स की खरीद-फरोख्त करता था।
रिश्तेदार ने पकड़वाया
सुरेश कुमार हीरा घिसाई का धंधा छोड़ने के बाद आराम का जीवन जीने लगा। सुरेश की लाइफस्टाइल को देखकर रिश्तेदार ने उसके धंधों के बारे में जानकारी जुटाई और एएनटीएफ को उसकी जानकारी दी। इसके बाद उसे पकड़ा गया।



