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बाड़मेर। राजस्थान के बाड़मेर जिले के शिव उपखंड के मणिहारी गांव में निजी कंपनी की हाईटेंशन विद्युत लाइन बिछाने को लेकर हुए विवाद में निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने भी मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ग्रामीणों के साथ पुलिस थाने के आगे धरने पर बैठ गए हैं।
लाठीचार्ज का आरोप
दरअसल एक निजी कंपनी की विद्युत लाइन बिछाने पर स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध किया था। ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली कंपनियों ने ग्रामीणों की कृषि भूमि पर बिना किसी पूर्व सूचना, उचित मुआवजा या विधिक सहमति के हाईटेंशन टावर लगाने का कार्य प्रारंभ कर दिया। इस अतिक्रमण के विरोध में जब ग्रामीणों ने शांतिपूर्वक विरोध दर्ज कराया, तो पुलिस प्रशासन ने उल्टे ग्रामीणों पर ही बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज कर दिया।
आरोप है कि शिव थाना पुलिस ने लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को मौके से खदेड़ दिया। इस घटना के कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें पुलिसकर्मी ग्रामीणों को घसीटते हुए नजर आ रहे हैं। आरोप है कि पुलिस ने 2 माह की बच्ची की मां सहित कई ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद स्थानीय ग्रामीणों ने थाने पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
पुलिस पर लगाया आरोप
वहीं सूचना मिलने पर शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी भी मौके पर पहुंच गए और पुलिस कार्रवाई के विरोध में धरने पर बैठ गए। उन्होंने पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ रोष जताते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई। इस दौरान पुलिस अधिकारी और विधायक के बीच नोक-झोंक भी हुई। शिव विधायक ने पुलिस अधिकारी पर कम्पनियों के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कम्पनियां आपको तनख्वाह नहीं देती, सरकार देती है, उनकी दलाली ना करें।
भाटी ने दी चेतावनी
विधायक भाटी ने आरोप लगाया कि प्रशासन और कुछ निजी कंपनियों की सांठगांठ से ग्रामीणों के हितों की अनदेखी करते हुए जबरन कार्रवाई की गई, जो पूरी तरह से जनविरोधी है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक पीड़ितों को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। विधायक भाटी ने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि इस अमानवीय और अन्यायपूर्ण कार्रवाई की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई और पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिला, तो वह यह धरना जारी रखेंगे।
वहीं ग्रामीणों का कहना है कि हाईटेंशन लाइनों को उनके घरों के ऊपर से निकाला जाएगा। ऐसे में हर वक्त जान का खतरा बना रहेगा। वहीं कुछ ग्रामीणों का आरोप है कि विरोध की सूचना पर रामसर क्षेत्र के एसडीएम शिव क्षेत्र में पहुंच गए। आरोप है कि एसडीएम ने विरोध कर रही एक महिला को पकड़ा था।


