PALI SIROHI ONLINE
बाड़मेर-सीबीआई ने बुधवार को फर्जी आधार कार्ड मामले में सांचौर और बार्डर से सटे बाड़मेर के इलाकों में कार्रवाई की। करीब 3 टीमों ने 4 से 5 ई-मित्र संचालकों पर दबिश देकर दो जनों को डिटेन किया है।
मामले में पाकिस्तान से रुपयों के ट्रांजैक्शन होने की बात भी सामने आई है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि फिलहाल नहीं हो पाई है।
जानकारी के अनुसार- राजस्थान में फर्जी आधार कार्ड बनाने को लेकर बीते काफी समय से राजस्थान पुलिस जांच कर रही है। एक मामला सीबीआई में भी दर्ज है। सीबीआई ने बुधवार को बाड़मेर और सांचौर सहित अन्य जगहों पर अलग-अलग टीमें बनाकर दबिश दी। बाड़मेर में बार्डर से सटे इलाकों में ई-मित्र संचालकों पर कार्रवाई की गई।
करीब 10 घंटे तक चला तलाशी अभियान
टीम ने करीब 10 घंटे तक गडरा रोड ई-मित्र संचालक की दुकान पर सर्च किया। दुकान से पेनड्राइव और कुछ डॉक्यूमेंट जब्त किए है। यहां ई-मित्र संचालक खुद नहीं मिला तो लालासर स्थित उसके घर गई और परिजनों से पूछताछ की। हालांकि युवक घर पर भी नहीं मिला। वहीं ई-मित्र संचालक नूर मोहम्मद पुत्र शामिर खान निवासी लालासर की गडरा रोड स्थित ई-मित्र दुकान और लालासर स्थित घर पर भी टीम ने सर्च किया। देर शाम टीम वहां से रवाना हो गई।
इनके अलावा भी कुछ ई-मित्र संचालकों के डॉक्यूमेंट की जांच की गई। साथ ही कुछ ई-मित्र संचालक दुकान पर नहीं मिले तो टीम ने उनके घर पर पहुंचकर पूछताछ की। मामले में घर से एक से दो जनों को डिटेन भी किया है। फिलहाल सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है।
बाड़मेर पहुंची तीन टीमें
जानकारी के अनुसार सीबीआई की दो से तीन टीमें बाड़मेर पहुंची। बॉर्डर से सटे इलाकों के साथ ही गडरा रोड सहित अन्य गांवों में ई-मित्र संचालकों पर दबिश दी। मामले में स्थानीय पुलिस ने फिलहाल बोलने से इनकार किया है। एक थानाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, जिसके मद्देनजर स्वतंत्रता दिवस से पहले सीबीआई ने कार्रवाई की है।
आईटी विभाग ने की थी सीबीआई जांच की मांग बता दें कि राजस्थान विधानसभा में विधायक रतन देवासी ने पाक सीमा से सटे जिलों में संचालित केंद्रों द्वारा फर्जी आधार बनाए जाने से सुरक्षा के खतरे को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए मामला उठाया था। जिसके बाद विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जवाब दिया था।
उन्होंने बताया कि फर्जी आधार कार्ड मामले में आईटी विभाग ने 28 जून को राज्य सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इसके बाद गृह विभाग ने 9 जुलाई को डीओपीटी (नई दिल्ली) के सचिव को पत्र लिख कर सीबीआई जांच के लिए आवश्यक सूचनाएं, अधिसूचना सहित अनुरोध पत्र भेज दिया है।