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अलवर-अलवर में एक तेज रफ्तार थार कार ने बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। बाइक को थार 200 मीटर तक घसीटते हुए ले गई। हादसे में पति-पत्नी, बेटे और भतीजी की मौत हो गई। एक भतीजी गंभीर रूप से घायल है।
हादसा इतना भीषण था कि पति का शव 200 मीटर दूर, पत्नी 100 मीटर दूर घायल पड़ी मिली। बेटे और भतीजी का शव 100 मीटर के दायरे में सड़क पर पड़ा हुआ था। एक बच्ची 500 मीटर दूर थार की छत पर घायल अवस्था में मिली। हादसे के सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।
परिवार शादी समारोह में शामिल होकर घर लौट रहा था। हादसा सदर थाना क्षेत्र के छठी मील के पास शनिवार रात 8 बजे हुआ।
SI बंशीलाल ने बताया- बाइक पर पांच लोग सवार थे। कार ने बाइक को पीछे से टक्कर मार दी। थार सवार हादसे के बाद गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। थार और बाइक को थाने भिजवा दिया गया है। परिजनों की ओर से रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
शादी से लौटते समय हुआ हादसा
एएसआई बंशीलाल ने बताया कि नांगल खेड़ा निवासी महेंद्र (35), अपनी पत्नी पत्नी गुड्डी (35), बेटा पूर्वांश (2), भतीजी पायल (8) और खुशबू (4) के साथ चचेरे भाई मोहन के बेटे की शादी में शालीमार गए थे। रात 8 बजे सभी लोग एक ही बाइक से वापस अपने गांव लौट रहे थे। तभी छठी मील के पास पीछे से आई तेज रफ्तार थार ने बाइक को जोरदार टक्कर मार दी।
हादसे में महेंद्र, पूर्वांश और पायल (8) की मौके पर मौत हो गई। जबकि पत्नी गुड्डी ने हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। भतीजी खुशबू गंभीर रूप से घायल है। पुलिस ने चारों शवों को जिला हॉस्पिटल की मॉच्र्युरी में रखवाया है। गाड़ी को जब्त कर जांच शुरू कर दी।प्रत्यक्षदर्शी ने कहा- 130 की स्पीड से आ रही थी थार
प्रत्यक्षदर्शी आरिफ ने बताया कि वे बाइक सवार लोग छठी मील से करकराली की तरफ गांव जाने के लिए घूम रहे थे। उसी समय तिजारा की तरफ से करीब 130 की स्पीड से थार कार ने बाइक को टक्कर मार दी।
बाइक को घसीटते ले गई। महेंद्र के बेटे पूर्वांश का शव करीब 60 मीटर दूर पड़ा मिला। पत्नी गुड्डी करीब 100 मीटर दूर पड़ी मिली। वहीं महेंद्र का शव करीब 200 मीटर दूर मिला।
एक भतीजी खुशबू 500 मीटर दूर कार की छत पर गंभीर हालत में मिली। वहीं पायल का शव घटना स्थल पर पड़ा था।
घटनास्थल पर पहुंचे टीकाराम जूली
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि यह भयानक हादसा है। एक ही परिवार के चार जनों की मौत हो गई। सरकार बार-बार कहती है कि हम ब्लैक प्वाइंट चिह्नित करते हैं, लेकिन वहां पर सफेद पट्टी तक नहीं है। कोई संकेतक नहीं है।
आए दिन प्रदेश में बड़े हादसे होते हैं। केवल मीटिंग-मीटिंग खेलने से काम नहीं चलेगा। एक तरफ एक्सीडेंट जीरो करने की बात करते हैं, दूसरी तरफ बड़े-बड़े हादसे हो जाते हैं।


