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अजमेर-ऑटो मोबाइल पार्ट्स बिजनेसमैन की 28 साल की सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेटी साध्वी बनेगी। वह बेंगलुरु में एडोब कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करती थी, लेकिन साध्वी बनने के लिए उन्होंने 32 लाख सालाना पैकेज की जॉब छोड़ दी।
ब्यावर निवासी हर्षाली कोठारी 3 दिसंबर को सांसारिक जीवन त्याग आचार्य रामलाल महाराज के सान्निध्य में संयम पथ अपनाएंगी। इससे पहले, रविवार (17 नवंबर) को अजमेर शहर में बैंड-बाजों के साथ हर्षाली का वरघोड़ा निकाला गया।
हर्षाली की मां से जब बेटी के संयम पथ को स्वीकार करने का पूछा गया तो उनका कहना था- कोरोना काल में जब उसने चातुर्मास में प्रवचन सुने तो वह कहने लगी- मां अब पैसों का सुख नहीं है और मैं जॉब छोडूंगी।
बेटी ने 32 लाख की नौकरी छोड़ी
हर्षाली की मां उषा कोठारी (50) ने बताया- हर्षाली की शुरुआती पढ़ाई बीएल गोठी पब्लिक स्कूल, ब्यावर में हुई। इसके बाद उसने जयपुर के लक्ष्मी निवास मित्तल कॉलेज से 2017-18 में कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया। हर्षाली बेंगलुरु की एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर काम कर रही थी। उसका सालाना 32 लाख का पैकेज था।
जब कोरोना काल में हर्षाली वर्क फ्रॉम होम कर रही थी तो उस समय ब्यावर में जैन संत रामलाल महाराज का चातुर्मास कार्यक्रम चल रहा था। हर्षाली ने चातुर्मास कार्यक्रम में शिरकत की। उस समय से उसका धर्म के प्रति झुकाव बढ़ता गया। कोरोना काल खत्म होने के बाद जब कंपनी की ओर से वापस ऑफिस जाकर काम करने के लिए कहा गया तो हर्षाली ने मार्च 2023 में नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से धर्म का साथ देने लगी।
मां बोलीं- बेटी ने कहा पैसों में सुख नहीं, संयम मार्ग पर चलना है
उषा कोठारी ने बताया कि जब बेटी की जॉब चल रही थी। तभी उसने एक दिन मुझसे आकर कहा- मुझे पैसों से सुख नहीं है। मुझे जॉब छोड़नी है। बेटी को परिवार के लोगों ने काफी समझाया, लेकिन वह मानी नहीं। इसके बाद उसने जब परिवार से संयम पथ पर जाने की अनुमति मांगी तो बेटी के सुख को देखते हुए परमिशन दे दी।
मां ने कहा कि दुख तो बहुत है, लेकिन बेटी संयम मार्ग पर आगे बढ़े, इसलिए दुख को भूलकर इसके सुख की कामना कर रहे हैं।
हर्षाली के चचेरे भाई हनी डाबरिया ने बताया- हर्षाली पढ़ाई में काफी होशियार रही है। 10वीं और 12वीं में उसने टॉप भी किया था। उसका छोटा भाई आयुष कोठारी है।
अजमेर में निकला वरघोड़ा
हर्षाली कोठारी की बुआ किरण डाबरिया अजमेर में रहती हैं। उनकी इच्छा पर रविवार को अजमेर में गोद भराई की और अभिनंदन किया गया। अरिहंत कॉलोनी से वरघोड़ा शुरू होकर स्वाध्याय भवन पहुंचा। इसमें बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग शामिल हुए।