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अजमेर-अजमेर गरीब नवाज के 814वें उर्स के मौके पर शनिवार रात को खुद्दाम ए ख्वाजा ने मजार शरीफ पर साल भर चढ़ाया संदल उतारा। इसे जायरीन में तकसीम किया गया। जन्नती दरवाजा खोल दिया गया है। रजब का चांद नजर आने पर रात से उर्स की शुरुआत हो गई है।
जमादिउस्सानी माह की 28 तारीख को देखते हुए परंपरा के अनुसार मजार शरीफ की रात की खिदमत के वक्त संदल उतारा गया। खादिम सैयद कुतुबुद्दीन सखी और अंजुमन के उर्स कन्वीनर सैयद हसन हाशमी सहित अन्य खुद्दाम इसे जायरीन में तकसीम करते नजर आए।
हाशमी ने बताया कि रविवार को चांद की 29 तारीख है। तड़के 4:30 बजे जन्नती दरवाजा जियारत के लिए खोल दिया जाएगा। मगरिब की नमाज के बाद हिलाल कमेटी की बैठक होगी। शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी की सदारत में होने वाली इस बैठक में चांद दिखाई देने या नहीं देने का फैसला होगा।
इधर, उर्स की महफिल दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान की सदारत में महफिल खाना में होगी। रजब का चांद होने पर रविवार रात को पहली महफिल होगी। मध्य रात्रि को मजार शरीफ को पहला गुस्ल दिया जाएगा। चांद नहीं होने पर अगले दिन से यह आयोजन होंगे।
खोला जन्नती दरवाजा, उमड़े जायरीन
रविवार तड़के जन्नती दरवाजा खोल दिया गया। सालभर में जन्नती दरवाजा चार बार खोला जाता है, लेकिन उर्स में सबसे ज्यादा 6 दिन के लिए खुलता है। इसके बाद एक दिन ईद-उल-फितर के मौके पर एक दिन बकरा ईद के मौके पर और एक दिन ख्वाजा साहब के गुरु हजरत उस्मान हारूनी के सालाना उर्स के मौके पर यह दरवाजा खुलता है। परंपरा के अनुसार जन्नती दरवाजा उर्स में आने वाले जायरीन के लिए खोला जाता है। इसी परंपरा के अनुसार यह दरवाजा कुल की रस्म के बाद 6 रजब को बंद कर दिया जाता है।
जन्नती दरवाजे पर सालभर जायरीन मन्नत का धागा बांधते हैं। जन्नती दरवाजा खुलने के बाद से ही जायरीन की आवक बढ़ जाती है। दरगाह जियारत को आने वाले जायरीन जन्नती दरवाजा से जियारत करने के लिए बेकरार नजर आते हैं। जायरीन सिर पर मखमल की चादर और फूलों की टोकरी लिए अपनी बारी का इंतजार करते हैं।
उर्स के दौरान रहेगी विशेष ट्रैफिक व्यवस्था
उर्स के दौरान जायरीन की भीड़ को देखते हुए यातायात पुलिस की ओर से यातायात व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। यह व्यवस्था 21 से 30 दिसम्बर तक रहेगी। इस अवधि में वाहनों का संचालन और पार्किंग इसी व्यवस्था के अनुरूप की जाएगी।
पुलिस की आमजन से अपील
यातायात पुलिस ने अपील की है कि शहरवासी एवं दरगाह में आने वाले जायरीन अपने वाहन सड़क अथवा सड़क के किनारे पार्क नहीं करें। वाहन सम्बन्धित पार्किंग में ही खड़े किए जाएं। व्यापारी मेला अवधि के दौरान दुपहिया वाहनों का प्रयोग करें एवं अपने दुपहिया वाहनों को भी निर्धारित पार्किंग स्थल पर ही खड़ा करें।
