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रिपोर्ट विक्रमसिंह बालोत
आहोर उपखंड क्षेत्र के उम्मेदपुर कस्बे के निकट पचानवा गांव में श्री क्षत्रिय युवक संघ द्वारा पचानवा गाँव के श्री आशापुरा रिसोर्ट में चल रहे मातृशक्ति प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन प्रातःकालीन शंखनाद के साथ दिवस की शुरुआत हुई। प्रार्थना के बाद स्वयं सेविकाओं को योग करवाया गया जिसमें यह बताया गया कि आज की भागदौड़ भरी जीवन शैली में किस तरह अपने शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता हैं। फिर खेलों के माध्यम से बालिकाओं को मनोवैज्ञानिक तरीके से शिक्षण दिया गया।
शारीरिक खेल शरीर के लिए क्यों आवश्यक हैं इस पर चर्चा की गई। सामस्या कार्यक्रम के दौरान क्षात्रधर्म के प्रतीक केसरिया ध्वज के महत्व और उसके सम्मान को आज के दौर में किस तरह से बरकरार रखा जा सकता है इस बारे में बताया गया। बौद्धिक के तहत वरिष्ठ स्वयं सेविका श्रीमती रश्मि कंवर देलदरी द्वारा पूज्य श्री तनसिंह जी और श्री क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना से लेकर उसके द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों का परिचय दिया गया।
उन्होंने संघ की मनोवैज्ञानिक कार्यप्रणाली के बारे में कहा कि “किस प्रकार संघ हमारे जीवन में परिवर्तन लाकर स्वधर्म के माध्यम से ईश्वरीय प्राप्ति के मार्ग में एक मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहा है। संघ आत्मचिंतन की बात करता है। संघ का मानना है कि संसार में सारी समस्याओं का समाधान हमारे भीतर है। अगर हम अपने आप को ठीक कर ले तो बहुत कुछ ठीक हो जायेगा।”
फिर दोपहर में मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए बौद्धिक खेलो का आयोजन किया गया। उसके बाद सायंकालीन सामूहिक खेलों के माध्यम से ये सीख दी गई कि व्यक्तिगत जीवन की अपेक्षा सामाजिक जीवन से ही हमारा अस्तित्व बना रहेगा। रात्रि कार्यक्रम के तहत विनोद सभा में बालिकाओं द्वारा ऐतिहासिक घटनाओं पर नाट्य मंचन किया गया।
नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से सामाजिक बुराइयों से लेकर समाज में व्याप्त अंधविश्वासों पर कटाक्ष किए गए। श्रीमती रश्मि कंवर देलदरी के निर्देशन और सुश्री प्रेम कंवर चितलवाना के संचालन में यह शिविर चल रहा है। शिविर के संचालन में पिंकू कंवर धीगांणा, हिमानी कंवर मालपुरा और सुमन कंवर बेदाना सहयोगी के तौर पर साथ दे रही हैं।
