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खीमाराम मेवाड़ा
मातृ शक्ति सम्मेलन : विद्या भारती हिंदुत्वनिष्ठ एवं राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत युवा पीढ़ी का कर रही हैं निर्माण – प्रांत कार्यवाह खीमाराम सुथार
आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक आहोर का मातृ- शक्ति सम्मेलन का आयोजन
तखतगढ 21 सितम्बर;(खीमाराम मेवाड) विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से सम्बद्ध एवं आदर्श शिक्षण संस्थान जालोर की ओर से संचालित आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक आहोर का मातृ शक्ति सम्मेलन शनिवार को हुआ। विद्या मंदिर के शिक्षक रमेश कुमार दर्जी ने बताया कि कार्यक्रम में पावन सानिध्य श्री श्री 1008 श्री महंत राणा भारतीजी महाराज (धोणेरी धाम मामाजी का मंदिर), कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दुर्गा कंवर राजपुरोहित (सरपंच, ग्राम पंचायत अगवरी),विशिष्ट अतिथि
हर्ष कंवर राठौड़ (अध्यापिका, रा.उ.प्रा.वि. निम्बला की ढ़ाणी), कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मंजु मेघवाल ( प्रदेश मंत्री, महिला मोर्चा व पूर्व सरपंच, आहोर), ने की। वहीं मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रांत कार्यवाह खीमाराम सुथार रहें । कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती , मां भारती, ओम चित्र के समक्ष अतिथि के द्वारा दीपप्रज्ज्वलन कर किया गया। विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य निर्मल सिंह भाटी ने अतिथियों का स्वागत एवं परिचय कार्यक्रम करवाया। कार्यक्रम में बहिनों ने कविता, काव्यगीत, नृत्य से कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों को भाव विभोर कर दिया।
कार्यकम के मुख्यवक्ता प्रांत कार्यवाह खीमाराम सुथार ने उपस्थित माताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्या भारती हिंदुत्वनिष्ठ एवं राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत युवा पीढ़ी का निर्माण कर रही हैं। हिन्दुतत्व जीवन जीने की कला का नाम है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में पराई नारी को मां के सम्मान माना जाता है। मां बच्चों की प्रथम गुरू होती है। आज के समय में राम जैसा आज्ञाकारी, पुत्र श्रवण कुमार जैसा मातृपितृ भक्त, शिवाजी जैसा शुरवीर तैयार करना है। तो स्वयं को कौशल्या ,जीजाबाई, सुनिति जैसा बनाना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही मंजू मेघवाल ने बताया कि आज की नारी अबला नहीं सबला है। नारी को आत्म निर्भर होते हुए अपनी जिम्मेदारी को निर्वहन करना है ।
जीवन में आने वाली चुनौतियों का डटकर मुकाबला करें । माता के बिना ज्ञान अधूरा है। माता उस बीज का पालन पोषण करती है। जो मधुर फल देता है। मातृ शक्ति की जानकारी देते हुए कहा वर्तमान में महिलाओं को बालिकाओं के बारे में ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। मोबाइल के दुष्परिणामों से भी बच्चों को समझाना चाहिए व इसका उपयोग कब किया जाना चाहिए, इस पर विचार किया जाना चाहिए। शिक्षा से ही व्यक्ति उत्तम नागरिक बनता है। तथा छात्र-छात्राओं के चरित्र का निर्माण होता है। माताओं का जीवन संस्कारमय हुआ तो बच्चों को भी राम-कृष्ण बना सकती है।
विद्या मंदिर का कार्यक्रम सराहनीय रहा है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दुर्गा राजपुरोहित ने उद्बोधन में कहा कि बच्चों को घर से दिए गए संस्कार से उसके आगे बढ़ने की दिशा निर्धारित करते हैं। आदर्श विद्या मंदिर में भी बच्चों को शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास के साथ संस्कार जैसी परस्पर सहयोग की भावना की शिक्षा भी मिलती है। माताओं को बच्चों का सर्वागींण विकास करना चाहिए।
इस दौरान विशिष्ट अतिथि हर्ष कंवर राठौड़ द्वारा 11,000 रुपए की सहयोग राशि प्राप्त हुई। प्रबन्ध समिति के प्रचार प्रसार प्रमुख कैलाश बाबू सेन ने माताओं-बहिनों का आभार प्रकट किया । कल्याण मंत्र के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर प्रबंध समिति व्यवस्थापक कुशल राज प्रजापत , कोषाध्यक्ष छोगाराम चौधरी, अश्वीना दवे,त्रिलोकी जैन, कविता रावल, शकुंतला मांगलिया, मानसी राजपुरोहित, ओमप्यार प्रजापति,समस्त आचार्या उपस्थिति रहे। कार्यक्रम में 150 से अधिक माता-बहिनें उपस्थित हुई । कार्यक्रम का मंच संचालन सुप्रिया दवे के द्वारा किया गया ।