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खीमाराम मेवाडा
आर्टगैलेरी में कैनवास कलाकृति में चित्रकार पुरणपुरी गोस्वामी 60 से अधिक कैनवास पेंटिंग का किया सृजन:
तखतगढ 27 नवम्बर (खीमाराम मेवाडा) जालौर जिले के आहोर उपखण्ड क्षेत्र के अंतिम छोर स्थित ग्राम रोडला के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य पूरणपुरी गोस्वामी ने सेवानिवृत्ति के बाद रंग और कूची में रूचि लेकर न सिर्फ राज्यस्तर वरन राष्ट्रीय स्तर की आर्ट गैलरी में अपनी कैनवास कलाकृति से लोगों के ध्यान को बरबस आर्कषित किया। गोस्वामी की कैनवास कलाकृति से युवा वर्ग काफी अधिक आकर्षित हुआ हैं। उनकी बनाई पेंटिंग मुम्बई, पुना, अहमदाबाद सहित बडे शहरों व आसपास के मंदिरों में भी काफी अधिक पसंद की जा रही हैं।
राजस्थान सरकार के पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य भी उनकी कलाकृति से काफी प्रभावित हुए, कोरोना काल में अमेरिका के सियेटल में लगी ऑनलाइन चित्र प्रदर्शनी में ब्राँन्ज मेंडल हासिल किया। गोस्वामी ने हाल ही में वीर वीरमदेव चौहान की 22. 26इंच की कैनवास पेंटिंग की रचना की जिसे इस वर्ष जालौर महोत्सव में प्रदर्शित करने की बात कहीं। गोस्वामी अभी महारानी पद्मिनी की कृति का निर्माण कर रहे हैं जो अपने आप में अनूठी कैनवास पेंटिंग होगी। 60 के लगभग कैनवास पेंटिंग का सृजन गोस्वामी ने किया हैं जो सभी लकड़ी की फ्रेममय पॉलिश युक्त हैं। गोस्वामी के पेंटिंग चित्र आसपास के मंदिरों व मंठों सहित विभिन्न संस्थानों में काफी पसंद किए जाते हैं।

