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आबूरोड-ब्रह्माकुमारीज संस्थान, शांतिवन परिसर के गेट नंबर एक के सामने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सोमवार से दो दिवसीय विशाल झांकी का आयोजन किया जाएगा। इसकी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 75 फीट लंबे इस पांडाल में श्रीकृष्ण के बालरूप से लेकर कंस वध, राधा-मीरा का श्रीकृष्ण से प्यार, गोवर्धन पर्वत, राधा-श्रीकृष्ण का झूला और स्वर्णिम दुनिया की झलक दिखेगी। झांकी सोमवार शाम 7 बजे से रात 12 बजे तक और 27 अगस्त को शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक रहेगी। लाइटिंग और साउंड के संयोजन से झांकी को कलात्मक रूप दिया गया है।
झांकी-प्रदर्शनी के संयोजक बीके चिरंजीवी भाई ने बताया कि झांकी में श्रीकृष्ण द्वारा कंस वध को बड़े ही सुंदर, कलात्मक और आकर्षक रूप में दिखाया जाएगा। साथ ही उनकी बाल-लीलाओं, माखनचोरी आदि को प्रदर्शित किया जाएगा। झांकी के साथ श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंग से जुड़े तमाम पहलुओं में छिपे आध्यात्मिक रहस्यों को दिखाया जाएगा। इसकी तैयारियां अंतिम चरण में हैं। सोमवार को शाम 7 बजे मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी, संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी सहित वरिष्ठ भाई-बहनों द्वारा झांकी का विधिवत शुभारंभ किया जाएगा।
श्रीलक्ष्मी-श्रीनारायण का राज दरबार रहेगा आकर्षण
झांकी में विशेष रूप से श्रीलक्ष्मी श्रीनारायण का राज दरबार आकर्षण का केंद्र रहेगा। इसे इस तरह सजाया जाएगा, जिसमें स्वर्णिम युग की झलक दिखेगी। साथ ही कंसपुरी को भी दर्शाया जाएगा। जिसमें वर्तमान युग से जोड़कर दुनिया की स्थिति और सतयुग की स्थिति को दिखाया जाएगा। कैसे परमपिता परमात्मा इस धरा पर आकर मानव आत्माओं को गीता ज्ञान देकर स्वर्णिम युग का रास्ता दिखाते हैं। कोरोनाकाल के बाद पहली बार जन्माष्टमी पर झांकी सजाई जा रही है। इसे देखने के लिए आबू रोड सहित आसपास के गांवों के लोग भी हर साल बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। झांकी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होती है।