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आबूरोड, सिरोही -आबू रोड के झामर गांव के ग्रामीणों ने नवीन पंचायत पुनर्गठन में अपने गांव को तलवारो का नाका पंचायत में जोड़े जाने का विरोध किया है। ग्रामीणों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री और जिला कलेक्टर को एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। उनकी मांग है कि झामर को या तो पृथक ग्राम पंचायत घोषित किया जाए या पुनः मूंगथला पंचायत में रखा जाए।
ग्राम पंचायत मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन के दौरान दिए गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि नवीन पुनर्गठन में उनके गांव झामर को मूल पंचायत मूंगथला से हटाकर तलवारों का नाका में जोड़ दिया गया है। यह पंचायत अत्यंत दूर, सुविधाहीन और सामाजिक रूप से असुरक्षित है। ग्रामीणों के अनुसार, इस निर्णय से पूरे झामर ग्राम में असंतोष और गंभीर व्यावहारिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यह निर्णय ग्राम सभा प्रस्ताव, जनसहमति और नियमानुसार प्रक्रिया के बिना लिया गया है, जो पूरी तरह अवैध, त्रुटिपूर्ण और जनविरोधी है। उन्होंने बताया कि पूर्व में जब आपत्तियां मांगी गई थीं, तब झामर अपने मूल मुख्यालय पंचायत में था, इसलिए कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई थी। अब इसे तलवारो का नाका में जोड़ना नियम और जनभावना के विरुद्ध है।ग्रामीणों ने झामर की बेहतर आधारभूत सुविधाओं और कनेक्टिविटी का भी हवाला दिया। उनके अनुसार, झामर गांव तक और गांव के भीतर पक्की डामर सड़कें बनी हुई हैं, जबकि तलवाड़ा का नाका में सड़क और अन्य आधारभूत सुविधाएं सीमित हैं। झामर का मूंगथला, धामसस, आवल, बगेरी, क्यारिया सहित आसपास के सभी गांवों और मूंगथला-रेवदर-आबूरोड मुख्य मार्ग से सीधा और सुगम संपर्क है।
ग्रामीणों ने बताया कि झामर का प्रशासनिक, व्यापारिक और सामाजिक जुड़ाव स्वाभाविक रूप से इसी क्षेत्र के साथ बना हुआ है। पंचायत पर धरना प्रदर्शन के बाद, ग्रामीणों ने आबू रोड एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एसडीएम शंकर लाल मीणा को ज्ञापन दिया। उन्होंने अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए अपने गांव को पृथक पंचायत घोषित करने अथवा पुनः मूंगथला में जोड़ने का आग्रह किया।
