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आबूरोड-आबूरोड एसीजेएम अदालत ने 10 साल पुराने चेक बाउंस मामले में आरोपी मनीष शर्मा को दोषी ठहराते हुए 10 माह के साधारण कारावास और 75,000 रुपए का प्रतिकर देने का आदेश दिया है। यह मामला 2013 में आरोपी द्वारा दिए गए चेक के बाउंस होने के बाद कोर्ट में दायर किया गया था।
न्यायाधीश सलोनी सक्सेना ने मनीष शर्मा पुत्र श्री बनवारी लाल शर्मा प्रोप्राइटर सिल्वर लाईन इन्फोटेक, आबूरोड को धारा 138 एनआई एक्ट के तहत दोषी ठहराया।
यह मामला 15 अक्टूबर 2013 का है, जब आरोपी ने कंप्यूटर और लैपटॉप के लिए परिवादी से 50,000 रुपए का भुगतान बाकी होने पर चेक दिया। जब परिवादी ने चेक को बैंक में पेश किया, तो मनीष शर्मा के खाते में पर्याप्त बैलेंस न होने के कारण चेक बाउंस हो गया। इसके बाद, परिवादी ने नियमानुसार आरोपी को नोटिस भेजा, लेकिन तय समय में पैसे न मिलने पर कोर्ट में धारा 138 एनआई एक्ट के तहत परिवाद पेश किया गया।
परिवादी की ओर से एडवोकेट हसीब सिद्दीकी ने मामले की पैरवी की। 10 साल तक चले इस मामले में एसीजेएम सलोनी सक्सेना ने परिवादी द्वारा प्रस्तुत मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्यों, साथ ही एडवोकेट हसीब सिद्दीकी के तर्कों से सहमति व्यक्त करते हुए आरोपी मनीष शर्मा को दोषी मानते हुए 10 माह के साधारण कारावास की सजा और 75,000 रुपए का प्रतिकर देने का आदेश दिया। यदि मनीष शर्मा ने यह राशि नहीं दी, तो उन्हें और सजा का सामना करना पड़ेगा