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बाड़मेर-मां, पत्नी और 2 बेटियों के हत्यारे टीचर को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। पति टीचर को पत्नी पर शक के चलते वारदात को अंजाम दिया था। इसके बाद वह थाने पहुंचा था और अपना जुर्म कबूल कर लिया था। केस में चौंकाने वाली बात ये थी कि टीचर सिर्फ अपनी पत्नी को मारना चाहता था, लेकिन पूरे परिवार को इसलिए खत्म कर दिया कि पत्नी नहीं रहेगी तो उनकी देखभाल कौन करेगा?
टीचर को अब 9 साल बाद बाड़मेर जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट में पुलिस की ओर से 19 गवाह, 79 दस्तावेज और 18 आर्टिकल पेश किए गए।
सरकारी वकील दामोदर कुमार चौधरी ने बताया- 20 अक्टूबर 2016 की रात सरकारी टीचर राणाराम (44) ने अपनी 70 साल की मां पार्वती, पत्नी लाली देवी (40), बेटी देवी (14) और संतोष (12) की हत्या कर दी थी। उसके इस जुर्म के लिए अतिरिक्त सजा जिला सेशन न्यायधीश अजिताभ आचार्य ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 1 लाख का जुर्माना भरने को कहा है।
रिटायर्ड फौजी ने आकर चाचा को बताया था
चौधरी ने बताया- 21 अक्टूबर 2016 को पुलिस को राणाराम के चाचा राणासर निवासी श्रीराम ने रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया था कि भतीजा राणाराम सरकारी प्राइमरी स्कूल कुम्हारों की बेरी में ग्रेड थर्ड टीचर है।
चाचा ने रिपोर्ट में बताया- सुबह- रिटायर्ड फौजी रामधन उनके घर आए थे। उन्होंने कहा- राणाराम उनके घर आया था और रो रहा था। कुछ गड़बड़ है हमें उसके घर चलकर देखना चाहिए।
वहां से दोनों राणाराम के घर पर गए तो घर का नजारा देख चौंक गए। वहां राणाराम की पत्नी पार्वती, मां लाली और बेटी देवी की लाशें खून से लथपथ चारपाई पर पड़ी थी। वहीं बड़ी बेटी संतोष की लाश आंगन में पड़ी थी।
पुलिस थाने पहुंच कर बोला- मैंने मर्डर किए हैं
सरकारी वकील ने बताया- इधर, हत्या करने के बाद राणाराम 15 किमी दूर थाने पहुंच गया था। राणाराम ने थाने में कहा-मैंने परिवार को मार डाला।
सरकारी वकील ने बताया कि राणाराम ने 20 अक्टूबर की रात 2 बजे के बाद हत्या की। इसके बाद वह रात भर लाशों के बीच ही बैठा रहा। गांव से 15 किमी. दूर धोरीमन्ना थाने पहुंचा। वहां उसने सरेंडर किया और जुर्म कबूलते हुए कहा कि मैंने चार मर्डर कर दिए हैं, मुझे गिरफ्तार कर लो। एक बार तो पुलिस को भी यकीन नहीं हुआ। जब उसके कपड़ों पर खून लगा हुआ देखा तो पुलिस राणासर कलां गांव पहुंची। तो चारों परिजनों के शव देख चौंक गई।

