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झुंझुनूं। हिस्ट्रीशीटर डेनिश बावरिया हत्याकांड में कोतवाली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने 50 हजार रुपए के इनामी मालसरिया गैंग के सरगना व सदर थाने के हिस्ट्रीशीटर दीपक मालसरिया को गिरफ्तार कर लिया है। फरारी के दौरान आरोपी पुलिस से बचने के लिए भिखारी का भेष धारण कर जयपुर में मंदिरों के सामने भीख मांगकर गुजारा कर रहा था।
एएसपी देवेंद्रसिंह राजावत ने बताया कि मुख्य आरोपी दीपक आर्थिक तंगी के चलते दर-दर भटक रहा था। मुखबिर की सूचना पर पुलिस को जानकारी मिली कि वह जयपुर के खोले के हनुमान जी मंदिर के सामने फटे-पुराने कपड़ों में, सिर के आधे बाल मुंडवाकर भीख मांग रहा है। सूचना के बाद पुलिस टीम ने दो दिन तक सादे कपड़ों में रेकी की। पहचान सुनिश्चित होने पर आरोपी को दबोचकर कर गिरफ्तार कर लिया गया।
यह था मामला
19 अक्टूबर 2025 को मालसरिया गैंग के सरगना दीपक मालसरिया समेत एक दर्जन से अधिक गुर्गों ने चूरू बाइपास पर शराब ठेके के सामने कार में बैठे धनूरी थाने के हिस्ट्रीशीटर जीत की ढाणी निवासी डेनिश बावरिया उर्फ नरेश कुमार का अपहरण कर लिया था। आरोपी उसे बुरी तरह मारपीट करते हुए गांव के जोहड़ में ले गए।
मारपीट के बाद मरा हुआ समझकर जोहड़ में पटककर चले गए। आरोपियों ने उसके पास से करीब तीन लाख रुपए, सोने की चेन, चांदी की अंगूठी व पटाखे भी लूट लिए। गंभीर रूप से घायल डेनिश बावरिया को पुलिस ने पहले बीडीके अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से हालत बिगड़ने पर उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
दिल्ली व ऋषिकेश में भी काटी फरारी
हिस्ट्रीशीटर दीपक मालसरिया ने जयपुर के अलावा दिल्ली और ऋषिकेश में भी मंदिरों के सामने भीख मांगकर फरारी काटी। नए आपराधिक कानूनों के डर से किसी भी परिचितों ने उसकी मदद नहीं की। इस कारण वह पूरी तरह कंगाल हो गया और भिखारी का रूप अपनाने को मजबूर हुआ। आरोपी के खिलाफ आठ आपराधिक मामले दर्ज हैं। आरोपी को गिरफ्तार टीम में सीओ सिटी गोपालसिंह ढाका, कोतवाली थानाधिकारी श्रवण कुमार नील, कांस्टेबल प्रवीण कुमार, रूपेंद्र ओला, चेनाराम आदि शामिल रहे।
अब तक 14 गिरफ्तार, हिस्ट्रीशीटर मदिया समेत दो फरार
डेनिश बावरिया हत्याकांड में पुलिस अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। हत्या में शामिल मालसरिया गैंग के सदस्य व नामजद 50 हजार रुपए का ईनामी आरोपी हिस्ट्रीशीटर मंदीप उर्फ मदिया व दस हजार रुपए का इनामी आरोपी सुरेंद्र दो महीने बाद भी पुलिस पकड़ से दूर हैं। दोनों नामजद समेत अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

