PALI SIROHI ONLIN
जालोर-जालोर में रबी फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय की गई है। कम प्रीमियम पर किसानों को फसल नुकसान की स्थिति में आर्थिक सुरक्षा देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू की गई है, जिसमें गेहूं से लेकर वाणिज्यिक फसलें तक शामिल हैं।
31 दिसंबर तक करा सकते हैं रबी फसलों का बीमा
जालोर जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत किसान 31 दिसम्बर 2025 तक अपनी रबी फसलों का बीमा करवा सकते हैं।
योजना का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, मौसम की मार या अन्य कारणों से फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई कर किसानों को आर्थिक संबल प्रदान करना है।
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को सौंपी गई जिम्मेदारी
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रामलाल जाट ने बताया कि जालोर जिले में रबी फसलों के बीमा के लिए रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को अधिकृत किया गया है।
इस कंपनी के माध्यम से किसानों की फसलों का बीमा किया जाएगा, ताकि नुकसान की स्थिति में उन्हें मुआवजा मिल सके और वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर रह सकें।
रबी और वाणिज्यिक फसलों की लंबी सूची शामिल संयुक्त निदेशक ने बताया कि रबी मौसम में जिले में गेहूं, जीरा, तारामीरा, ईसबगोल, सरसों, मेथी और चना फसलों को योजना में शामिल किया गया है।
इसके साथ ही वाणिज्यिक फसलों में सौंफ, प्याज और टमाटर का भी बीमा किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ मिल सके।
रबी फसलों पर 1.5% और वाणिज्यिक फसलों पर 5% प्रीमियम
योजना के तहत किसानों को रबी फसलों के लिए केवल 1.5 प्रतिशत प्रीमियम राशि देनी होगी। वहीं वाणिज्यिक फसलों के लिए यह प्रीमियम 5 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।
कम प्रीमियम दरों के कारण किसानों को कम लागत में व्यापक बीमा सुरक्षा मिलेगी।
ऋणी किसानों के लिए विकल्प और अंतिम तिथियां तय
रामलाल जाट ने बताया कि ऋणी किसान यदि अपनी फसलों का बीमा नहीं कराना चाहते हैं, तो वे संबंधित बैंक में निर्धारित प्रपत्र भरकर 24 दिसम्बर 2025 तक जमा करा सकते हैं।
वहीं जो किसान फसलों में परिवर्तन कराना चाहते हैं, वे 29 दिसम्बर 2025 तक बैंक में लिखित सूचना देकर यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
गैर-ऋणी और किरायेदार किसानों के लिए विशेष व्यवस्था
गैर-ऋणी किसान कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से फसल बीमा करवा सकते हैं। इसके लिए बैंक डायरी, जमाबंदी, आधार कार्ड और बुवाई प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
किरायेदार किसानों को इन दस्तावेजों के साथ मूल निवास प्रमाण पत्र, भू-मालिक का आधार कार्ड और किरायानामा स्वयं प्रमाणित कर जमा कराना अनिवार्य रहेगा।
