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जयपुर। DGP राजीव कुमार शर्मा ने 2024 बैच के प्रोबेशनर IAS से किया प्रेरक संवाद—सुशासन, संवेदना और तकनीक आधारित प्रशासन पर दिया जोर
जयपुर। शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में DGP राजीव कुमार शर्मा ने 2024 बैच के प्रोबेशनर भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों से संवाद करते हुए उन्हें आधुनिक, उत्तरदायी और जनकेंद्रित प्रशासन का मूल मंत्र दिया।
उन्होंने कहा कि “वर्तमान दौर तेजी से बदल रहा है—चुनौतियाँ भी नई हैं और समाधान भी। सुशासन, पारदर्शिता और तकनीक—इन्हीं तीन स्तंभों पर भविष्य का प्रशासन खड़ा है।”
DGP शर्मा ने अधिकारियों को कानून-व्यवस्था से जुड़े प्रशासनिक समन्वय, आपदा प्रबंधन, साइबर सुरक्षा, सामाजिक संवेदनशीलता तथा जनता से संवाद की रणनीतियाँ साझा कीं। उन्होंने सोशल मीडिया के जिम्मेदार उपयोग, नेतृत्व क्षमता और नैतिक आचरण को प्रभावी प्रशासन की अनिवार्य शर्त बताया।
DGP शर्मा ने कहा कि आप शासन व्यवस्था की वह नई पीढ़ी हैं, जो विकास, सुशासन और संवेदनशील प्रशासन को नई दिशा देगी। हर निर्णय में ईमानदारी, संवेदना और जनहित को सर्वोपरि रखें।
वरिष्ठ अधिकारियों का भी महत्वपूर्ण मार्गदर्शन:
इस मौके पर डीआईजी सीबी दीपक भार्गव ने राजस्थान पुलिस ऑर्गेनाइजेशन की संरचना, कार्यप्रणाली और प्रशासनिक सहयोग की प्रक्रियाओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी।
आईजी एसएसबी अंशुमान भोमिया ने डीएम–एसपी समन्वय की महत्ता, कानून-व्यवस्था प्रबंधन में परस्पर सहयोग की भूमिका और जिला प्रशासन–पुलिस प्रशासन के बीच निर्बाध प्रणाली के उदाहरण साझा किए।
वहीं आईजी कानून-व्यवस्था अनिल टांक ने राजस्थान की विशिष्ट परिस्थितियों, भौगोलिक चुनौतियों, जनजातीय क्षेत्रों, सीमावर्ती जिलों और सामाजिक-सांस्कृतिक विविधता के संदर्भ में प्रशासनिक दृष्टिकोण पर विचार रखे।
संवाद के दौरान प्रोबेशनर IAS अधिकारियों ने भी अपने प्रश्न रखे, जिनका वरिष्ठ अधिकारियों ने समाधानात्मक उत्तर दिया।
कार्यक्रम में कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
अकादमी में प्रशिक्षण लिया:
इससे पहले आईएएस प्रशिक्षु अधिकारियों ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अंतर्गत आरपीए जयपुर में भी विस्तृत जानकारी प्राप्त की, जहाँ उन्हें प्रिवेंटिव एक्शन, निरोधात्मक कार्यवाही, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, हथियार एवं विस्फोटक संबंधी कानून, कारागार एवं बंदी प्रबंधन, SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम तथा पुलिस अभियोजन एवं न्यायिक प्रक्रियाओं की समग्र जानकारी दी गई। इस सत्र ने न केवल उनके प्रशासनिक दृष्टिकोण को मजबूत किया, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था की जटिलताओं और पुलिसिंग संरचना की बारीकियों को समझने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।



