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जोधपुर/मथानिया। मथानिया थानान्तर्गत जोधपुर-फलोदी हाईवे पर उम्मेद नगर के पास मंगलवार देर रात अचानक सामने आई नीलगाय से बचने के प्रयास में तेज रफ्तार और लापरवाही से आए ट्रक की कार से भिड़ंत हो गई। हादसे में कार में सवार दंपती की मौत हो गई।
ट्रक कार को कुछ दूर तक घसीटता हुआ ले गया और फिर पलट गया। कार पेड़ से टकराकर रुकी। ट्रक में भरे गाजर के कट्टे कार पर गिरने से दंपती ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। परिजनों ने दोनों के मरणोपरांत नेत्रदान किए।
गाजर से भरा था ट्रक
पुलिस के अनुसार ओसियां में पंचायत भवन के सामने रहने वाले व्यवसायी जितेंद्र सोनी (28) पत्नी पायल (27) के साथ जोधपुर में शादी समारोह में शामिल होने गए थे। रात एक बजे दोनों कार से ओसियां लौटने के लिए रवाना हुए। उम्मेद नगर से लगभग पांच सौ मीटर आगे निजी स्कूल के पास पहुंचे तो सामने से गाजर से भरा ट्रक आता दिखाई दिया। तभी दोनों वाहनों के बीच अचानक नीलगाय आ गई। ट्रक चालक ने उससे बचने का प्रयास किया, तभी आमने-सामने की भिड़ंत हो गई।
कट्टे कार के ऊपर गिरे
ट्रक की रफ्तार अधिक थी। वह कार को कुछ दूरी तक घसीटता हुआ ले गया और फिर सड़क से उतरने के बाद पलट गया। कार सड़क किनारे बबूल के पेड़ से टकराकर रुकी। कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। ट्रक में भरे गाजर के कट्टे कार पर गिर गए, जिससे दंपती कार में ही फंस गए। धमाके की आवाज सुनकर राहगीर और आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। एएसआई बंशीलाल भी घटनास्थल पर पहुंचे।
दोनों की मौके पर मौत
काफी मशक्कत के बाद जितेंद्र और उनकी पत्नी पायल को बाहर निकाला जा सका, लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। शवों को मथानिया के सैटेलाइट अस्पताल की मोर्चरी में भेजा गया, जहां बुधवार को कार्रवाई के बाद उन्हें परिजनों के सुपुर्द किया गया। ट्रक नेवरा से मुंबई की ओर जा रहा था। दोनों वाहनों के टकराने से नीलगाय की भी मौत हो गई।चार जनों की जिंदगी रोशन कर गए
दुर्घटना की सूचना पर परिजन ओसियां से मौके पर पहुंचे। जितेंद्र और पायल के शव देखकर परिजन बिलख पड़े। माहेश्वरी समाज के लोग भी पहुंचे और ढांढस बंधाया। परिजनों ने दोनों के नेत्रदान का फैसला किया। राजस्थान आई बैंक सोसायटी की टीम बुधवार को अस्पताल पहुंची। यह नेत्र चार लोगों को लगाए जाएंगे।पोते को साथ नहीं भेजा, जान बच गई
हादसे की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। जितेंद्र और पायल के एक पुत्र और एक पुत्री है। पुत्र भी शादी में साथ जाना चाहता था, लेकिन दादा ने उसे अपने पास ही रख लिया था। इससे उसकी जान बच गई।
लव मैरिज की थी, अगले माह भाई की शादी
जितेंद्र ओसियां में मिर्च-मसाले का व्यवसाय करते थे। पिसाई के बाद वह मसाले बेचते थे। वे यह व्यवसाय सूरत में शुरू करने की योजना बना रहे थे। लगभग 7-8 साल पहले दोनों ने प्रेम विवाह किया था। पायल का पीहर भी ओसियां में ही है। उसकी सहेली की मंगलवार रात शादी थी, जिसमें शामिल होकर दोनों लौट रहे थे। पायल के चचेरे भाई की 11 दिसंबर को शादी थी और उसके लिए तैयारियां चल रही थीं।
