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बाड़मेर-खेलते-खेलते तीन साल का बच्चा टांके में गिर गया। उसके साथ आठ साल की चचेरी बहन भी खेल रही थी। लेकिन मूक-बधिर होने के कारण वह चिल्लाकर किसी को मदद के लिए बुला नहीं सकी। ऐसे में चचेरे भाई को बचाने के लिए वह खुद टांके में कूद गई। डूबने से दोनों की मौत हो गई।
हादसा बाड़मेर जिले के चौहटन थाना क्षेत्र के जूना लखवारा गांव में रविवार दोपहर 12 बजे हुआ। हादसे के समय मां घर का काम कर रही थी। कुछ देर बाद मां टांके के पास आई तो बेटे और भतीजी की बॉडी टांके में देखकर होश उड़ गए।
सूचना पर चौहटन थानाधिकारी राजूराम विश्नोई मौके पर पहुंचे और शव चौहटन हॉस्पिटल की मॉच्र्युरी में रखवाए।
भाई को बचाने के लिए टांके में कूदी
SHO राजूराम विश्नोई ने बताया- छगन (3) पुत्र जोगाराम और उसकी चचेरी बहन पूजा (8) पुत्र मांगीलाल घर के नजदीक बने टांके के पास खेल रहे थे। छगन की मां छुड़ी देवी टांके से पशुओं को पानी पिला रही थी। वह टांके का ढक्कन बंद करना भूल गई और पशुओं को चारा डालने में व्यस्त हो गई। खेलते-खेलते छगन टांके में गिर गया। उसे बचाने के लिए पूजा भी टांके में कूद गई।
SHO ने बताया- कुछ देर बाद जब छुड़ी देवी लौटी तो छगन को पानी में पड़ा देख चीख पड़ी। उसके शरीर में कोई हलचल नहीं थी। मां चिल्लाते हुए दौड़ी और लोगों को इकट्ठा किया। जब छगन को टांके से निकाला तो टांके के अंदर पूजा भी नजर आई। दोनों को बाहर निकालकर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
मूक-बधिर थी बहन, चिल्ला भी नहीं सकी
परिजनों ने बताया- पूजा बोल-सुन नहीं सकती थी। अगर वह बोल सकती तो शायद मदद के लिए पुकार पाती और दोनों की जान बच सकती थी। वह अपने भाई को डूबता देख टांके की तरफ दौड़ी और दोनों ही उसमें डूब गए।
SHO राजूराम विश्नोई ने बताया कि परिजनों के बयान दर्ज कर किए हैं। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। फिलहाल हादसे की जांच जारी है।
