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सुरेश कुमावत नाणा
राजस्थान कांग्रेस संगठन में लंबे समय से लंबित जिलाध्यक्षों की नियुक्ति अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। कांग्रेस नेतृत्व ने इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए 24 अक्टूबर को दिल्ली में एक अहम बैठक बुलाई है।
बता दें कि बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल राजस्थान से जुड़े 30 पर्यवेक्षकों के साथ वन-टू-वन फीडबैक मीटिंग करेंगे। इस दौरान पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर चर्चा की जाएगी।
बैठक में राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट से भी वेणुगोपाल रिपोर्ट के आधार पर रायशुमारी कर सकते हैं। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिलों के संगठनात्मक हालात की समीक्षा करना और नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को अंतिम रूप देना है।
जोधपुर में 20 दावेदार, छह नामों का पैनल तैयार
जोधपुर शहर जिला कांग्रेस की बात करें तो यहां करीब 20 नेताओं ने जिलाध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया था। पर्यवेक्षक सुशांत मिश्रा ने सृजन संगठन अभियान के तहत कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से व्यापक फीडबैक लिया था।
बताया जा रहा है कि छह नामों का एक संभावित पैनल तैयार किया गया है। अब इन नामों पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व स्तर पर चर्चा होगी। चयन के दौरान संगठनात्मक सक्रियता, पार्टी निष्ठा और स्थानीय पकड़ को प्राथमिकता दी जाएगी।
रिपोर्ट के आधार पर होगा अंतिम निर्णय
राजस्थान के 50 जिलों में नियुक्त 30 केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने अपनी रायशुमारी रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल को सौंप दी है। अब वेणुगोपाल इन रिपोर्टों के आधार पर प्रदेश प्रभारी और वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर जिलाध्यक्षों के नाम फाइनल करेंगे। बताया जा रहा है कि नए जिलाध्यक्षों को पहले की तुलना में अधिक अधिकार दिए जाएंगे, ताकि संगठनात्मक स्तर पर पार्टी को मजबूती मिल सके।
3000 से ज्यादा आवेदन, जयपुर में सबसे ज्यादा दावेदारी
राजस्थान कांग्रेस में जिलाध्यक्ष बनने के लिए अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला है। अकेले राजस्थान से लगभग 3000 से ज्यादा आवेदन आए हैं। जयपुर शहर अध्यक्ष पद के लिए 32 लोगों ने आवेदन किए हैं, जबकि जयपुर ग्रामीण पूर्व और जयपुर ग्रामीण पश्चिम से 60 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। कई विधायकों, पूर्व विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने भी इस बार जिलाध्यक्ष पद के लिए आवेदन किया है।
2028 विधानसभा चुनावों की तैयारी
कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि जिला स्तर पर मजबूत संगठन तैयार करने से पार्टी आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सकेगी। राहुल गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘संगठन सृजन अभियान’ के तहत यह प्रक्रिया चलाई जा रही है। इस अभियान के जरिए पार्टी 2028 के विधानसभा चुनाव वाले राज्यों में संगठन को पुनर्गठित कर जमीनी स्तर पर नई ऊर्जा भरना चाहती है।
24 अक्टूबर की बैठक में सभी जिलों के छह-छह नामों के पैनल की रिपोर्ट एआईसीसी नेतृत्व को सौंपी जाएगी। इसके बाद जल्द ही राजस्थान कांग्रेस में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों की औपचारिक घोषणा की जाएगी, जिससे संगठनात्मक ढांचा पूरी तरह सक्रिय हो सके
