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राजसमण्ड-समाज में व्याप्त कुरीतियों का त्याग करने की भावना अब युवाओं के मन में जागने लगी है। आज के पढ़े-लिखे युवा वक्त की नजाकत और समाज में फैली बुराइयों का खुलकर विरोध करने लगे हैं। इनकी अच्छी पहल को परिवार, समाज के लोग भी स्वीकार करने लगे हैं। देवगढ़ के समीप निमझर गांव में मानी (मारवाड़) से बारात लेकर आए दुल्हे ने टिके में दी जा रही 2 लाख 11 हजार रुपए की राशि लौटकर सिर्फ शगुन के तौर पर नारियल ही लिया।
भगवत सिंह सांवला जी का खेड़ा ने बताया कि निमझर में राम मंदिर के कार सेवक रहे स्व. महेन्द्र सिंह की पुत्री दौलत कंवर का विवाह मानी (मारवाड़) निवासी दुल्हा हिम्मत सिंह से सम्पन्न हुआ।
बरात लेकर आए तब तोरण की रस्म में वधू पक्ष की ओर से 2 लाख 11 हजार रुपए टिके में दुल्हे को थाली में सजाकर दिए गए, परन्तु दुल्हे हिम्मत सिंह ओर उनके परिजनों ने यह राशि वापस लौटा दी और शगुन में सिर्फ नारियल ही लिया।
दुल्हे ने कहा कि आप अपनी अमूल्य बेटी दे रहे हैं जो हमारे लिए यह बहुत बड़ा उपहार है। दुल्हे के इस कुरीति और टीके लौटाने से सभी ने प्रशंसा की